DESK: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए घर से वोट डालने की सुविधा (होम वोटिंग) आज से शुरू हो गई है। इसको लेकर सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई है। इसके लिए मतदाताओं को पहले अपना पंजीयन करवाना होगा और मतदान केंद्र तक उनके नहीं आ पाने का उचित कारण भी बताना होगा। उसके बाद ही निर्वाचन आयोग की तरफ से वोटरों को घर बैठे मतदान की सुविधा दी जाती है।
दरअसल, राजस्थान में 58,000 से अधिक मतदाताओं ने घर से ही मतदान करने का विकल्प चुना है, जिनमें से 35,542 लोगों ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए पंजीकरण कराया है। इस बात की जानकारी खुद राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने दिया था। घर पर मतदान की सुविधा 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग मतदाताओं के लिए बढ़ा दी गई है। गुप्ता ने कहा था कि चुनाव को अधिक समावेशी बनाने के लिए होम वोटिंग की पहल की गई है।
मालूम हो कि, लोकसभा चुनाव के पहले चरण में घरेलू मतदान के लिए पंजीकरण 27 मार्च को पूरा होना था। रिटर्निंग अधिकारियों को 1 अप्रैल तक सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के साथ पंजीकृत घरेलू मतदाताओं की सूची साझा करनी थी। घर-घर जाकर मतदान कराने के लिए विशेष मतदान दलों का गठन किया गया और उनका प्रशिक्षण 4 अप्रैल तक पूरा कर लिया गया। ये दल राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों की उपस्थिति में डाक मतपत्रों के माध्यम से मतदान कराने के लिए पंजीकृत घरेलू मतदाताओं के घरों पर पहुंचेंगे। पहले चरण में 5 से 14 अप्रैल तक होम वोटिंग कराई जाएगी।
उधर, चुनाव के दूसरे चरण के लिए घर पर मतदान के लिए पंजीकरण 2 अप्रैल को पूरा हुआ। घरेलू मतदान पहल की सफलता 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों के दौरान स्पष्ट हुई, जहां 99 प्रतिशत पंजीकृत मतदाताओं ने इस पद्धति के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राजस्थान में दो चरणों में मतदान है - 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को। पहले चरण में 12 लोकसभा क्षेत्र तो दूसरे चरण में 13 सीट पर मतदान होने हैं।