लोबिन ने हेमंत के खिलाफ फिर खोला मोर्चा, नियोजन नीति और स्थानीयता को लेकर अपनी ही सरकार पर बरसे

लोबिन ने हेमंत के खिलाफ फिर खोला मोर्चा, नियोजन नीति और स्थानीयता को लेकर अपनी ही सरकार पर बरसे

RANCHI: झारखंड में नियोजन नीति और स्थानीयता के मुद्दे को लेकर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ छात्र आंदोलन कर सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो दूसरी तरफ झामुमो के बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने नियोजन नीति और स्थानीयता के मुद्दे को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लोबिन हेम्ब्रम का मानना है कि हेमंत सरकार ने झारखंड के लोगों को ठगने का काम किया है. जिस मुद्दे पर राज्य में सरकार बनी थी उससे उल्टा काम किया जा रहा है. आदिवासी मूलवासी की जमीनें लूटी जा रही हैं. लोबिन ने छात्रों के बंदी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है.


जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा है कि भगवान बिरसा मुंडा की बदौलत ही सीएनटी-एसपीटी एक्ट बना लेकिन दुर्भाग्य है कि आज ख़ातियानी जमीन एक इंच भी नहीं बची है. उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के गांव में बड़े बड़े नेता जाते है, कई वायदे करते है लेकिन वहां की हकीकत कुछ और ही है। उनके गांव के लोग और वंशज बदहाली में जीवन जी रहे हैं। भगवान बिरसा मुंडा का अलावा सिद्धों कान्हो, चांद भैरव सहित सभी शहीदों के लोग बदहाली में जी रहे है।


उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि हमारी सरकार बनेगी तो सबसे पहले सीएनटी एक्ट को लागू करेंगे लेकिन आज सरकार के नाक के नीचे इस कानून का उलंघन हो रहा है. सरना, मशाना और अन्य जमीन की लूट मची हुई है. इस जमीन पर बड़े बड़े अधिकारी और कारोबारी अस्पताल और होटल बना रहे हैं।सरकार ने जब वादा किया तो यहां के बच्चों को उम्मीद थी कि झारखंड के दिन बदलेंगे उन्हें रोजगार मिलेगा लेकिन सरकार का पांच लाख का वादा सिर्फ जुमला निकला. यहां के छात्र अब सड़क पर हैं.


सरकार को चार साल पूरे हो गए लेकिन अब तक स्थानीय नीति नहीं बनी. अब 60-40 की नियोजन नीति लेकर आये है. यह 60-40 क्या है इसकी जानकारी सिर्फ मुख्यमंत्री को ही है. किस आधार पर कैसे स्थानीय को रोजगार मिलेगा यह किसी को पता नहीं है. लोबिन ने कहा कि सदन में पेशा एक्ट के बारे में जब भी सवाल उठाते है तब इसपर जवाब मिलता है कि सरकारी अधिकारी इसकी तैयारी कर रहे है लेकिन कब बनेगा इसकी किसी के पास जवाब नहीं है.