PATNA : लोक जनशक्ति पार्टी के 6 में से 5 सांसदों की बगावत से बैकफुट पर आए चिराग पासवान को लेकर उनकी पार्टी के सांसदों ने बयान दिया है. लोजपा सांसदों ने चिराग पासवान के नेतृत्व और उनके फैसले को लेकर नाराजगी जताई है. लोजपा सांसद वीणा देवी ने इस राजनीतिक घटनाक्रम को पार्टी की टूट नहीं बल्कि नेतृत्व बदलने का फैसला बताया है जबकि एलजेपी एमपी महबूब अली कैसर ने कहा की अगर चिराग पासवान की ओर से अगर कोई पेशकश की जाती है तो पार्टी के नेता साथ बैठकर इसपर बातचीत करेंगे.
वैशाली से लोजपा सांसद वीणा देवी ने कहा कि पार्टी में कोई टूट नहीं हुई है. न तो एलजेपी टूटी है और न ही टूटेगी. सिर्फ नेतृत्व बदला गया है. वीणा देवी ने कहा कि केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एलजेपी काम करेगी. उन्होंने आगे कहा कि पशुपति पारस सीनियर नेता हैं. सूझबूझ वाले हैं. वह पार्टी में अच्छा काम करेंगे. रीना देवी को पार्टी का अध्यक्ष बनाये जाने के सवाल पर वीणा देवी ने कहा कि यह चिराग पासवान के घर का मामला है.
उधर खगड़िया सीट से एलजेपी के सांसद महबूब अली कैसर ने कहा कि चिराग पासवान की ओर से अगर कोई पेशकश की जाती है तो पार्टी के नेता साथ बैठकर इसपर बातचीत करेंगे. पशुपति पारस द्वारा चिराग पासवान के फोन कॉल इग्नोर किये जाने के सवाल पर महबूब अली कैसर ने कहा कि यह परिवार का अंदरूनी मामला है. महबूब अली कैसर ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने जो स्ट्रेटेजी तय की, वह सही नहीं थी. मैंने इसका विरोध किया था कि यह राजनीतिक तौर पर गलत फैसला है.
लोजपा के 6 में से 5 सांसदों को साथ लेकर पार्टी का कमान अपने हाथ में लेने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे स्व.रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस ने चुप्पी तोड़ते हुए इसे मजबूरी का फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि पार्टी तोड़ी नहीं पार्टी बचाई है. पशुपति कुमार पारस ने कहा कि हम घुटन महसूस कर रहे थे. 8 अक्टूबर 2020 को रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी नेतृत्व ने कुछ ऐसे फैसले लिए जिनकी वजह आज पार्टी इस कगार तक आ पहुंची. पार्टी के विलुप्त होने का खतरा पैदा हो गया.
गौरतलब हो कि पशुपति कुमार पारस को बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार और उनके कामों की तारीफ करने पर पार्टी नेतृत्व की नाराजगी का सामना करना पड़ा था. यहां तक कि उन्हें उसी शाम अपना बयान वापस लेना पड़ा था. पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने ही अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के ऊपर काफी दबाव बनाया था कि वो सीएम नीतीश को लेकर दिए गए बयान से पलट जाएँ.