PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को सहरसा जिले के दौरे पर रहेंगे। सीएम आज शाम में बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन के पैतृक गांव पंचगछिया पहुंचेंगे। जहां सीएम नीतीश भगवती प्रांगण में कोसी के गांधी स्वतंत्रता सेनानी स्व. रामबहादुर सिंह और उनके बड़े बेटे स्वतंत्रता सेनानी स्व. पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके बाद नीतीश की जनसभा भी होगी।
दरअसल, मुख्यमंत्री के आनंद मोहन के यहां आने से बिहार की सियासत गर्म हो गई है। जिस तरह पिछले दिनों लालू यादव के करीबी आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने इस पर आपत्ति जताते हुए नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। इसके बाद उनकी जेडीयू के एक नेता से भिड़ंत्त भी हो गई। दूसरी ओर,आनंद मोहन के जेडीयू में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।
वहीं, अब जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे सहरसा जिले के पंचगछिया गांव पहुंचेंगे। सीएम आनंद मोहन के गांव में करीब सवा घंटे रुकेंगे। सवा चार बजे उनके वापस पटना लौटने का कार्यक्रम है। पंचगछिया में सीएम नीतीश के कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गई है। खुद आनंद मोहन ने जनसंपर्क कर लोगों से मुख्यमंत्री की सभा में आने की अपील की।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के लिए सबसे अधिक हड़बड़ी में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ही दिख रहे हैं। आरजेडी इस मामले में अभी तक निश्चिंत दिख रहा है। नीतीश सवर्णों को साधने में लगे हैं। राजवर्धन आजाद को एमएलसी बना कर नीतीश ने ब्राह्मणों पर डोरे डाले हैं तो पूर्व सांसद और राजपूतों के नेता की छवि वाले आनंद मोहन से अपनी नजदीकी मजबूत करने में लगे हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि- सवर्णों को साधने के लिए ही आरजेडी विधायक चेतन आनंद के पिता और लालू यादव के कट्टर विरोधी छवि वाले पूर्व सांसद आनंद मोहन को नीतीश ने न सिर्फ जेल से रिहा कराया, बल्कि अब अपने साथ लाने की कोशिश भी शुरू कर दी है। तकरीबन 10 दिन पहले यानी 5 अक्टूबर को आनंद मोहन की मुलाकात नीतीश कुमार हुई थी। दोनों की बातचीत से अनुमान तो लग गया था कि आरजेडी से बेहतर आनंद मोहन को जेडीयू दिख रहा है। जेडीयू के साथ रहते उन्हें लालू यादव से मुक्ति मिल जाएगी और उनकी तरह नीतीश कुमार की दागदार छवि भी नहीं है। इसलिए नीतीश कुमार के साथ आनंद मोहन ने सियासी खिचड़ी पका ली है।
आपको बताते चलें कि, राज्य की सत्ता में हिस्सेदार दलों में जेडीयू के अंदर ही हलचल दिखाई दे रही है। कुछ नेता पार्टी छोड़ कर भाग रहे हैं तो नीतीश कुमार लगातार अपनी पार्टी को मजबूत करने का काम भी कर रहे हैं। जेडीयू से जाने की शुरुआत उपेंद्र कुशवाहा ने की थी, जिनका अनुसरण दर्जन भर से अधिक नेताओं ने अब तक किया है। जाने वालों में ताजा मामला ललन पासवान का है, जिन्हेंन जेडीयू से निकल कर भाजपा दामन थामन लिया है। उसके बाद अब आज नीतीश कुमार आनंद मोहन से मुलाकात करने पहुँच रहे हैं।