लखीमपुर खीरी कांड : हादसा नहीं साजिश थी किसानों को कुचलने की घटना, SIT की रिपोर्ट से बढ़ी आशीष मिश्र की मुश्किलें

लखीमपुर खीरी कांड : हादसा नहीं साजिश थी किसानों को कुचलने की घटना, SIT की रिपोर्ट से बढ़ी आशीष मिश्र की मुश्किलें

DESK : किसान आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में गाड़ियों से किसानों के कुचलने मामले में एसआईटी ने अपनी जांच में बड़ा खुलासा किया है. एसआईटी ने कहा कि किसानों को गाड़ी से कुचलने की पूरी घटना एक सोची समझी साजिश थी. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्र की मुश्किलें बढ़ गई है.


इस जांच के बाद एसआईटी ने अब आरोपियों पर लगाई गई धाराएं भी बदल दी हैं. अब आशीष मिश्र समेत 14 आरोपियों पर अब गैर इरादतन हत्या की जगह हत्या का केस चलेगा. इस मामले में मुख्य विवेचन विद्या राम दिवाकर ने एक अर्जी सीजीएम कोर्ट में लगाई है. आज सभी 13 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा.


जेल में बंद आरोपियों पर से धारा 279, 337, 338, 304ए की धाराएं हटाई जा रही हैं और जानलेवा हमला करने और अंग-भंग करने की धाराएं बढ़ाई जा रही है. इनमें 120बी, 307, 326 आईपीसी की धाराएं बढ़ाई जाएंगी. आशीष मिश्रा समेत सभी आरोपियों पर हत्या के प्रयास जैसी धाराएं लगेंगी. कोर्ट ने इसकी मंजूरी दे दी है.


बता दें कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर के तिकुनिया इलाके में हुई इस हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र हैं.


नवंबर महीने में लखीमपुर के तिकुनिया इलाके में हिंसा मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जांच की निगरानी की जिम्मेदारी पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन को दी थी. साथ ही कोर्ट ने मामले की जांच कर रही SIT टीम में तीन वरिष्ठ IPS आधिकारियों की भी नियुक्ति की थी. इसमें पद्मजा चौहान, दीपेन्द्रसिंह , एसबी सिरोडकर का नाम शामिल थे.