क्या प्रदीप यादव भी मनीष सिसोदिया की तरह जाएंगे जेल ? ED छापेमारी की विधायक को हो गई थी पहले से जानकारी,फोन स्वीच ऑफ के पीछे क्या है कहानी

क्या प्रदीप यादव भी मनीष सिसोदिया की तरह जाएंगे जेल ? ED छापेमारी की विधायक को हो गई थी पहले से जानकारी,फोन स्वीच ऑफ के पीछे क्या है कहानी

RANCHI :  मनी मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ईडी की टीम ने पौडेयाहाट से कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव सहित 7 लोगों के 13 ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी के बाद विधायक के रांची के डोरंडा स्थित आवास को सील कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रदीप के करीबी शिव कुमार यादव के आवास पर छापेमारी कर कंप्यूटर और जरूरी दस्तावेज को भी ईडी ने अपने कब्जे में ले लिया। वही दुमका में अजय कुमार झा उर्फ मिक्की झा के ठिकाने से ईडी की टीम को 60 लाख रूपया कैश और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले है।


 ईडी ने अपनी छापेमारी प्रदीप यादव के आवास पर शुरू की तो सबसे पहले ईडी के अधिकारियों ने प्रदीप यादव से उनका मोबाइल मांगा। सूत्र बताते है कि ईडी ने जैसे ही विधायक से मोबाइल फोन मांगा वैसे ही उन्होने बताया कि उनका मोबाइल चोरी हो गया। मिली जानकारी के अनुसार प्रदीप यादव का फोन सुबह 4 बजे तक ऑन था और उसके बाद फोन ऑफ हो गया। जब ईडी ने उनसे फोन चोरी होने के संबंध में कोई एफआईआर या सन्हा के कागजात मांगे तो प्रदीप यादव के पास उसका जवाब नहीं था। माना ये जा रहा है कि कही ऐसा तो नहीं है कि विधायक को ईडी की छापेमारी को लेकर कोई जानकारी पहले मिल चुकी थी और उसके बाद उन्होने अपना फोन बंद कर दिया।


प्रदीप यादव के धुर विरोधी बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ट्वीट कर इसी तरह का दावा कर रहे है। उन्हाने अपने लिखा है कि विधायक के घर से ही भोरे भोरे 4 बजे फोन चोरी हो जाता है, लेकिन एफआईआर भी नहीं होता है। सीटी विधायक प्रदीप यादव का केस और मनीष सिसोदिया जो शराब घोटाले में जेल में बंद है, दोनों बराबर है। मनीष का भी मोबाइल चोरी हो गया था और यहां के विधायक का भी मोबाइल चोरी हो गया है। आगे उन्होने प्रदीप के करीबी शिव कुमार का निशाना साधते हुए लिखा है कि शिवकुमार का तो साम्राज्य देखकर झारखंड में भूकंप आ गया है। 


प्रदीप यादव और मनीष सिसोदिया के मामले को एक साथ रखकर बीजेपी सांसद ये संकेत देने की कोशिश कर रहे है कि आने वाले दिनों में प्रदीप भी जेल जाएंगे। वही इस मामले पर प्रदीप यादव का कहना है कि छापेमारी में क्या मिला है वो ईडी से पूछे, ये बीजेपी और निशिकांत दुबे का रचा हुआ खेल है।