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DESK: 19 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। आज केंद्रीय कैबिनेट ने तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब इस प्रस्ताव को संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में पारित कराया जाएगा। जिसके बाद कृषि कानूनों को खत्म किया जाएगा।
गुरु पर्व के दिन पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार ने इन कृषि कानूनों को किसानों के हित में लाई थी लेकिन हम कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे। अगले संसद सत्र में कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर, 2020 को लोकसभा ने मंजूर किया था।
राष्ट्रपति ने तीनों कानूनों के प्रस्ताव पर 27 सिंतबर को हस्तांक्षर किए थे। इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था। संविधान एक्सपर्ट ने बताया कि किसी भी कानून को वापस लेने की प्रक्रिया भी उसी तरह होगी जिस तरह से कोई नया कानून बनाया जाता है।
सबसे पहले सरकार संसद के दोनों सदनों में इस संबंध में बिल पेश करेगी। संसद के दोनों सदनों से ये बिल बहुमत के आधार पर पारित किया जाएगा। बिल पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा जिसके बाद राष्ट्रपति उस पर अपनी मुहर लगाएंगे। जिसके बाद सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी। नोटिफिकेशन जारी होते ही कृषि कानून रद्द हो जाएगा।