Bihar Election 2025 : जदयू विधायक दामोदर रावत का ग्रामीणों से विरोध, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल; जानिए क्या है पूरा मामला Chhath puja : पीएम मोदी ने मन की बात में दी छठ महापर्व की शुभकामनाएं, कहा - घर घर बन रहे ठेकुआ, सज रहे घाट Bihar Election 2025 : बीयर लेकर बिहार आए यूपी के पूर्व विधायक धनंजय कन्नौजिया गिरफ्तार, बीजेपी चुनाव प्रचार मामला, कोर्ट ने भेजा जेल Bihar BJP leader : पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ. संजय जयसवाल से 10 करोड़ की रंगदारी, बेटे को जान से मारने की धमकी central government employees: केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा बढ़ी, इन लोगों पर नहीं लागू होंगे नियम “अक्षरा सिंह ने खेसारी लाल यादव पर बोला हमला, कहा - वो तो खुलेमाम मेरा ...,ज्योति सिंह को दिया खुला समर्थन” Bihar news: अस्पताल में बेड से गिरने से घायल युवक की दर्दनाक मौत, स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही सवालों के घेरे में... बिहार चुनाव को लेकर तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान: पंचायत प्रतिनिधियों को पेंशन, राशन डीलरों को मानदेय और कारीगरों को ब्याजमुक्त ऋण देने का किया वादा Bihar election: मंच टूटने की घटना: मोकामा में पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह धड़ाम से गिरे, जनसभा में अफरा-तफरी बिहार चुनाव से राहुल गांधी ने क्यों बनाई दूरी? कांग्रेस के कैंडिडेट भी हो रहे हैरान; जानिए क्या है वजह
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 20 Dec 2024 11:38:16 PM IST
- फ़ोटो
सनातन धर्म में खरमास (जिसे मलमास भी कहा जाता है) को विशेष धार्मिक महत्व दिया गया है। इस अवधि में भगवान विष्णु की आराधना की जाती है, लेकिन मांगलिक और शुभ कार्य, जैसे शादी, गृह प्रवेश, और नए कार्यों की शुरुआत पर रोक लग जाती है। खरमास का समय सूर्य देव की गति धीमी हो जाने के कारण आता है, जो धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष प्रभाव डालता है। आइए, यात्रा और इससे जुड़े सवालों पर ध्यान दें।
खरमास में यात्रा के संदर्भ में मान्यताएं और उपाय
क्या खरमास में यात्रा करना शुभ है?
अगर यात्रा आवश्यक और अपरिहार्य हो, तो इसे किया जा सकता है। ऐसी यात्राओं पर कोई मनाही नहीं है।
घूमने-फिरने या मौज-मस्ती के लिए यात्रा करना खरमास में अशुभ माना जाता है। इसे टालना बेहतर है।
धार्मिक यात्रा का महत्व:
खरमास के दौरान धार्मिक यात्रा को शुभ माना गया है।
तीर्थयात्रा या भगवान की आराधना के उद्देश्य से यात्रा करने पर व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
यात्रा करते समय सावधानियां:
यात्रा से पहले भगवान विष्णु और सूर्य देव की आराधना करें।
गायत्री मंत्र का जाप करें और यात्रा के लिए भगवान का आशीर्वाद लें।
सफर के दौरान सकारात्मक सोच रखें और धार्मिक नियमों का पालन करें।
खरमास में मांगलिक कार्यों पर रोक क्यों?
खरमास के दौरान सूर्य देव की ऊर्जा कम हो जाती है, और उनका तेज क्षीण हो जाता है। यह समय ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ कार्यों के लिए उचित नहीं माना जाता।
मकर संक्रांति के बाद जब सूर्य देव पुनः अपने रथ के सात घोड़ों पर सवार होते हैं, तो सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है।
धार्मिक दृष्टि से खरमास का महत्व
इस समय में भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
दान-पुण्य और धार्मिक क्रियाओं का महत्व बढ़ जाता है।
धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन और भक्ति में समय बिताना उत्तम होता है।
यात्रा का निष्कर्ष
जरूरी काम के लिए यात्रा करना खरमास में वर्जित नहीं है।
धार्मिक यात्रा करना शुभ होता है और सकारात्मक फल देता है।
मकर संक्रांति के बाद शुभ कार्य और सामान्य यात्राएं प्रारंभ कर सकते हैं।
नोट: किसी भी ज्योतिषीय संदर्भ के लिए स्थानीय विद्वान या पंडित से परामर्श करना उचित रहेगा।