BIHAR: बंद बोरे में शव मिलने की अफवाह का वैशाली पुलिस ने किया खुलासा, बोरे से निकला दर्जनों मरा हुआ चूहा BIHAR: कंपाउंडर के बेटे ने नीट में 390 रैंक हासिल कर पिता का सपना किया साकार, पहले प्रयास में मिली सफलता बिहार वैश्य महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कुमार बने धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य, वैश्य समाज के लोगों ने दी बधाई ROHTAS: जेल से छूटकर आने के बाद भाई के जख्म का लिया बदला, चलती बस में आरोपी को मारा चाकू ARRAH: समाजसेवी अजय सिंह ने बखोरापुर में मनाया जन्मदिन, खिलाड़ियों और छात्रों को किया सम्मानित डोमिसाइल नीति पर तेजस्वी यादव और आरजेडी की दोहरी सोच बेनकाब: ऋतुराज सिन्हा भाजपा को चाहिए सिर्फ आपका वोट, सीवान में बोले मुकेश सहनी..आपकी तकलीफों से बीजेपी कोई लेना-देना नहीं How to Become Pilot: 12वीं के बाद पायलट बनने का सपना करें पूरा, जानें... कौन सा कोर्स है जरूरी Bihar News: 19 जून को इस जिले में लगेगा रोजगार कैंप, 8वीं पास से लेकर ITI वालों तक के लिए नौकरी Bihar News: शराब मामले में गिरफ्तार महादलित युवक की जेल में मौत, परिजनों का हंगामा
1st Bihar Published by: Updated Sat, 05 Dec 2020 11:14:31 AM IST
- फ़ोटो
DELHI : देश में नए कृषि कानून लागू किए जाने के बाद किसानों का आंदोलन जारी है. किसान आंदोलन का आज दसवां दिन है और आज किसान संगठनों से होने वाली वार्ता के ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत अन्य मंत्रियों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी प्रधानमंत्री के साथ हो रही इस बैठक में मौजूद हैं. इस बैठक में आज किसान संगठनों से होने वाली बातचीत के पहले सरकार अपनी रणनीति तय कर रही है. आज दोपहर 2 बजे से किसान संगठनों के साथ पांचवें दौर की बातचीत शुरु होनी है, इसके पहले चार दौर में बातचीत बेनतीजा रही है. किसान कृषि कानून से जुड़े तीन अध्यादेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार यह बता रही है कि उसकी तरफ से लाया गया कानून किसानों के हित में है. किसान संगठनों ने अब तक सरकार के सामने जो बिंदु उठाए हैं उस पर सरकार किसानों को संतुष्ट नहीं कर पाई है. हालांकि सरकार ने इतना जरूर कहा है कि एमएसपी जारी रहेगी.
आज प्रधानमंत्री जो हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं उसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं. सरकार यह तय कर सकती है कि किसानों के आंदोलन को लेकर उसकी नीति क्या रहेगी. केंद्र सरकार किसी भी कीमत पर कृषि कानूनों को वापस नहीं लेना चाहती. किसान संगठन के नेता भी लगातार कह रहे हैं कि अगर कानून वापस नहीं लिए गए तो उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा. दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर लगातार हजारों की तादाद में किसान धरने पर बैठे हैं और जंतर-मंतर पर अपना आंदोलन करने के लिए वह दिल्ली में आने की अनुमति चाह रहे हैं.