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1st Bihar Published by: Updated Sat, 04 Dec 2021 08:41:50 AM IST
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DESK : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि बिल को वापस लेने के फैसले के बाद से ही किसान आंदोलन को लेकर चर्चा जोरों पर है कि क्या किसान अब बॉर्डर पर बैठे धरने से वापस चले जायेंगे ? इस अहम मुद्दे पर आज किसान एकता मोर्चा की एक बैठक होने वाली है. इसमें आंदोलन खत्म करने या फिर जारी रखने के साथ कई अहम फैसलों पर चर्चा होगा.
इस बीच दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बार्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है. इस अहम बयान के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (सिंघु, शाहजहांपुर, टीकरी और गाजीपुर) पर एक साल से चल रहा किसाानों का धरना प्रदर्शन अभी खत्म नहीं होगा.
किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर (कुंडली) बार्डर पर होने वाली बैठक से पहले ट्वीट किया है- आज बैठक में आंदोलन आगे कैसे बढ़ेगा और सरकार बातचीत करेगी तो कैसे बातचीत करनी है, इसपर चर्चा होगी. हरियाणा में मुख्यमंत्री, अधिकारियों और किसानों की कल बात हुई, जिसमें प्रदर्शन से संबंधित मामलों को वापस लेने पर सहमति बनी परन्तु मुआवजे पर सहमति नहीं बनी है.'
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में आंदोलन को वापस लेने के लिए 6 प्रमुख मांगें उठाई थीं. बावजूद इसके केंद्र सरकार की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. ऐसे में किसानों को आंदोलन जारी रखने के लिए बाध्य किया जा रहा है.
एसकेएम समन्वय समिति के सदस्य डॉ. दर्शन पाल ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में जिन 6 मुद्दों का जिक्र किया है उनमें से एक प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने का था. विशेष रूप से भाजपा शासित राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में हजारों किसानों के खिलाफ सैकड़ों बेबुनियाद और झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं.