केंद्र में बिहार का कद बढ़ा: पीएम मोदी ने नीति आयोग का किया पुनर्गठन, ललन सिंह, मांझी और चिराग को मिली बड़ी जिम्मेवारी; अब मिलेगा विशेष दर्जा?

केंद्र में बिहार का कद बढ़ा: पीएम मोदी ने नीति आयोग का किया पुनर्गठन, ललन सिंह, मांझी और चिराग को मिली बड़ी जिम्मेवारी; अब मिलेगा विशेष दर्जा?

DELHI: केंद्र सरकार ने नीति आयोग का पुनर्गठन कर दिया है। पीएम मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष होंगे जबकि सुमन के. बेरी को आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। आयोग में सहयोगी दलों के मंत्रियों को भी जगह मिली। बिहार के तीन मंत्रियों ललन सिंह, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान को सदस्य बनाया गया है। जिससे बिहार का केंद्र में कद बढ़ गया है और माना जा रहा है कि अगर आने वाले समय में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलता है तो इनकी अहम भूमिका होगी।


दरअसल, केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग तेज हो गई है। सत्ताधारी एनडीए में शामिल तमाम दल नीति आयोग के प्रावधानों ने संशोधन करने की मांग कर रहे हैं। नीति आयोग की शिफारिश पर किसी भी राज्य को स्पेशल स्टेट या फिर स्पेशल पैकेज केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाता है। पीएम मोदी ने नीति आयोग का पुनर्गठन किया है, जिसमें बिहार के तीन मंत्रियों को जगह मिली है। नीति आयोग में बिहार के तीन मंत्रियों को जगह मिलने के बाद विशेष दर्जा या स्पेशल पैकेज को लेकर उम्मीद बढ़ गई है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष होंगे जबकि सुमन के बेरी उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। इसके साथ ही पदेन सदस्यों की बात करें तो इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का नाम शामिल है। इनके अलावा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी, एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी, पंचायती राज मंत्री ललन सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू, आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार राव इंद्रजीत सिंह को विशेष आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया गया है।


बता दें कि नीति आयोग केंद्र सरकार के शीर्ष सार्वजनिक नीति थिंक टैंक के रूप में काम करता है। इसके कार्यों में 15 वर्षीय रोड मैप, 7 वर्षीय विजन, रणनीति और कार्य योजना, डिजिटल इंडिया, इटल इनोवेशन मिशन, चिकित्सा शिक्षा सुधार, कृषि सुधार, AMRUT शामिल हैं। साल 2015 में एनडीए सरकार के द्वारा योजना आयोग को बदलने के लिए इसे स्थापित किया गया था। 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग को पुनर्गठित कर उसे नीति आयोग में बदल दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की पहली बैठक 8 फरवरी 2015 को हुई थी।