Surya Ketu Yuri: 18 साल बाद बन रहा सूर्य केतु युति का दुर्लभ संयोग, इन राशियों के लोगों को संभलकर रहने की जरूरत Surya Ketu Yuri: 18 साल बाद बन रहा सूर्य केतु युति का दुर्लभ संयोग, इन राशियों के लोगों को संभलकर रहने की जरूरत Bihar Crime News: बिहार में आपसी रंजिश को लेकर दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प, महिला समेत 6 लोग घायल Bihar News: ब्रह्मपुर में निकाली गई भव्य तिरंगा यात्रा, सत्य प्रकाश तिवारी समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता हुए शामिल Bihar News: ब्रह्मपुर में निकाली गई भव्य तिरंगा यात्रा, सत्य प्रकाश तिवारी समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता हुए शामिल Bihar Crime News: बिहार में जादू-टोना के शक में हैवानियत का गंदा खेल, खंभे से बांधकर जबरन मल खिलाया Bihar Crime News: बिहार में जादू-टोना के शक में हैवानियत का गंदा खेल, खंभे से बांधकर जबरन मल खिलाया Bihar News: 'मंत्री' से सुप्रीम कोर्ट के जज बने 'अय्यर साहब' ने ध्यान रखने में थोड़ी कमी क्या कर दी, इंदिरा सरकार ने न्यायाधीश के 'साढू' को ही सजा दे दी थी Bihar Bhumi: जमीन रिकॉर्ड अपडेट का बड़ा मौका...वरना पड़ेगा पछताना ! राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की है तैयारी, आपके घर जाने वाली है दो सदस्यीय टीम Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में असामाजिक तत्वों ने शिवलिंग को तोड़ा, लोगों में भारी नाराजगी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 20 Oct 2024 07:11:09 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : करवा चौथ व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस साल करवा चौथ व्रत 20 अक्तूबर 2024, रविवार को है। सुहागन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत करती हैं। इस व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान श्रीगणेश, चंद्र देव व कार्तिकेय भगवान की पूजा का विधान है। इस व्रत में स्त्रियां पूरे दिन निर्जला व निराहार रहती हैं और चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य देने के बाद व्रत पारण करती हैं।
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्तूबर को सुबह 06 बजकर 46 मिनट से प्रारंभ होगी और 21 अक्तूबर को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। करवा चौथ पूजन मुहू्र्त शाम 05 बजकर 45 मिनट से शाम 07 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। करवा चौथ व्रत का समय सुबह 06 बजकर 24 मिनट से शाम 07 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
वहीं, करवा चौथ के दिन चंद्रदर्शन का समय रात 07 बजकर 53 मिनट है। हालांकि अलग-अलग स्थानों पर चंद्रोदय का समय भी अलग हो सकता है। करवा चौथ में मिट्टी या तांबे का बर्तन और उसका ढक्कन, पान का पत्ता, कलश, साबुत चावल के दाने, मिट्टी का दीया, करवा, फल, फूल, हल्दी, देसी घी, कच्चा दूध, शहद, चीनी, रोली, मौली, मिठाई व छलनी आदि चीजों की जरूरत पड़ती है।
करवा चौथ प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। यह पर्व मुख्य रूप से विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा अपने पतियों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए मनाया जाता है। वे सुबह से शाम तक कठोर निर्जला व्रत रखते हैं और चंद्रोदय के बाद व्रत पारण करती हैं। इस दिन संकष्टी चतुर्थी भी मनाते हैं और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना का विधान है।