Bihar Bhumi: बिहार में बढ़ने जा रहा जमीन रजिस्ट्री का सरकारी रेट, ऐसे तय होगा मार्केट वैल्यू, जानिए..

Bihar Bhumi: बिहार में 2026 से जमीन और मकान की रजिस्ट्री महंगी होगी, सरकार नए मार्केट वैल्यू रेट लागू कर शुल्क में बढ़ोतरी करेगी।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Tue, 16 Dec 2025 05:06:57 PM IST

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प्रतिकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar Bhumi: बिहार में जमीन और मकान की रजिस्ट्री कराना वर्ष 2026 से महंगा हो जाएगा। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने जमीन और मकान के मार्केट वैल्यू रेट (एमवीआर) का नए सिरे से निर्धारण करने का फैसला लिया है। वर्तमान में जिले में 2016 के मार्केट वैल्यू रेट के आधार पर ही रजिस्ट्री शुल्क वसूला जा रहा है, जबकि बीते कई वर्षों में जमीन और मकान की बाजार कीमतों में भारी वृद्धि हो चुकी है।


विभाग के अनुसार, 2026 से नया मार्केट वैल्यू रेट लागू होने के बाद जमीन रजिस्ट्री का शुल्क तीन गुना तक बढ़ सकता है। ऐसे में यदि कोई जमीन या मकान की रजिस्ट्री कराने की योजना बना रहा है तो उसे जल्द निर्णय लेने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि नए साल से रजिस्ट्री पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ना तय है।


मौजूदा व्यवस्था में सरकार को अपेक्षित राजस्व नहीं मिल पा रहा है। बीते नौ वर्षों में जमीन और मकान की कीमतें कई गुना बढ़ चुकी हैं, लेकिन रजिस्ट्री शुल्क पुराने रेट पर ही लिया जा रहा है। इसी कारण मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने जमीन के नए सिरे से पुनरीक्षण कर नया एमवीआर लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी के साथ-साथ रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी।


विभाग का कहना है कि मार्केट वैल्यू रेट के पुनरीक्षण से उन विसंगतियों को दूर किया जाएगा, जहां वर्तमान एमवीआर की तुलना में जमीन की बिक्री 10 गुना तक अधिक दर पर हो रही है। इससे काले धन को सफेद करने की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगेगा।


खास बात यह है कि जिले की कई पंचायतों को बीते वर्षों में नगर पंचायत का दर्जा मिल चुका है, लेकिन वहां अब भी खेतिहर भूमि के रेट पर ही रजिस्ट्री हो रही है। अब नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्रों में आने वाली सभी जमीनों का नया मार्केट वैल्यू रेट तय कर उसी के अनुसार रजिस्ट्री शुल्क वसूला जाएगा। ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ी हुई बाजार दर के अनुसार एमवीआर का निर्धारण किया जाएगा।


विभागीय आंकड़ों के अनुसार, राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों का मार्केट वैल्यू रेट वर्ष 2013 और शहरी क्षेत्रों का वर्ष 2016 के बाद से नहीं बढ़ाया गया है। इस दौरान जमीन की बाजार कीमतों में कई गुना वृद्धि हो चुकी है, जबकि जिले का राजस्व लक्ष्य हर वर्ष बढ़ता जा रहा है, जिससे लक्ष्य की प्राप्ति कठिन होती जा रही थी।


इस तरह होगा जमीन का मार्केट वैल्यू रेट पुनरीक्षण

ग्रामीण क्षेत्र में व्यवसायिक भूमि, औद्योगिक भूमि, आवासीय भूमि, राष्ट्रीय राजमार्ग और मुख्य सड़कों के दोनों ओर की भूमि, सिंचित भूमि, असिंचित भूमि, बलुआही, पथरीली और दियारा भूमि को अलग-अलग श्रेणियों में आंका जाएगा। शहरी क्षेत्र में प्रधान सड़क, मुख्य सड़क और शाखा सड़क पर स्थित व्यावसायिक व आवासीय भूमि, औद्योगिक भूमि, अन्य गलियों की आवासीय भूमि, कृषि और गैर-आवासीय भूमि का अलग-अलग मूल्यांकन किया जाएगा। विभाग का मानना है कि नए एमवीआर के लागू होने से सरकार को जमीन रजिस्ट्री से अधिक राजस्व प्राप्त होगा और जमीन की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और यथार्थपरक बन सकेगी।