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नहीं रुक रहा मजदूरों का पलायन, दोहरी आपदा के बीच साइकिल से घर जा रहे कामगारों का छलका दर्द

1st Bihar Published by: Updated Tue, 12 May 2020 08:48:59 AM IST

नहीं रुक रहा मजदूरों का पलायन, दोहरी आपदा के बीच साइकिल से घर जा रहे कामगारों का छलका दर्द

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KAIMUR : कैमूर  के NH-2 के रास्ते दूसरे राज्यों में जाने के लिए मजदूरों का पलायन लगातार जारी है. कोई अपने घरों के लिए पैदल निकला है, कोई साइकिल से तो कोई रिक्शा चला कर जा रहा है. सरकारें मजदूरों के हितों में काम करने के लिए कई वादे कर रही है लेकिन जो रोजी-रोटी की तलाश में शहरों में गए थे उन्हें गांव तक सुरक्षित कैसे पहुंचाया जाए इस पर कोई सरकार ध्यान नहीं दे रही है. कई मजदूर घर वापसी के दौरान काल के गाल में भी समा चुके हैं, फिर भी सरकारी घोषणाओं के अलावा धरातल पर मजदूरों के हितों में घर वापसी का रास्ता नहीं दिख रहा है. तभी तो प्रवासी मजदूरों का तांता प्रतिदिन लगा रहता है. 


फोटो में दिखाई दे रहे छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं को लेकर साइकिल से दर्जनों मजदूरों का झुंड बंगाल के लिए निकला है. यह सभी मजदूर यूपी के भदोही जिले में कालीन का काम करते थे. लॉक डाउन में फंस गए, जब इनके पास पैसे खत्म हुए तो घर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं दिखाई दिया. घरवालों का पेट पालने के लिए ये शहर कमाने गए थे लेकिन लॉकडाउन के कारण काम छूट गया तो घरवालों से पैसा मांगा कर सभी ने साइकिल लिया औऱ फिर उसी पर सवार होकर घर के लिए निकल गए. 

मजदूर बताते हैं हम सभी लोग बंगाल के रहने वाले हैं. सभी एक साथ उत्तर प्रदेश के भदोही में कालीन का काम करते थे. कुछ लोग पहले से वहां काम करते थे और कुछ लोग लॉकडाउन से 3 दिन पहले पहुंचे थे. अचानक लॉ डाउन हो गया. पास में रह सारे पैसे जब खत्म हो गए तो अंत में घर से पैसे मंगाकर साइकिल की खरीदारी की और फिर घर के लिए रवाना हो गए. बात करने के दौरान सभी की आंखें भर गई. उन्होंने कहा कि  भूखे मरने से अच्छा है कि कितने भी दिन लगे हम लोग अपने घर को लौट ही जाएंगे. बंगाल जाने के लिए किसी सरकार ने हमारी कोई मदद नहीं की. कई जगहों पर गुहार लगाएं, लेकिन ऐसी विकट परिस्थिति में हमारी कोई नहीं सुन रहा है.