KODARMA: राजधानी रांची में स्थित खेलगांव के मेगा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में भारी वित्तीय गड़बड़ी पायी गयी है। इस स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के रखरखाव और संचालन में कई तरह की गड़बड़ी की गई है। साल 2018-19 और 2021-22 के बीच के रिकॉर्ड की जांच में वित्त अंकेक्षण विभाग की ऑडिट टीम ने गड़बड़ी पकड़ी है। इस जांच में लाखों रुपए के सामान कम पाए गए। मेगा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रोमोशन सोसायटी के तहत चलाया जाता है लेकिन कांप्लेक्स में चल-अचल संपत्ति और खेल सामग्री की सूचियों को जेएसएसपीएस को उपलब्ध तक नहीं किया गया था। साथ ही इस मामले की जांच कर संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है।
दरअसल, झारखंड की राजधानी रांची स्थित खेलगांव के मेगा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के रखरखाव एवं संचालन में भारी वित्तीय गड़बड़ी पायी गयी है। जांच में पाया गया है कि, साल 2017 से 2020 तक 10 खेल एकेडमी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए कुल 845 पदक जीते हैं, जबकि वर्ष 2021-22 में पदकों की संख्या घटकर 281 हो गयी। इन पदको में 152 स्वर्ण, 71 रजत और 58 कांस्य पदक शामिल है। वहीं, 31 मार्च 22 को विभिन्न कोच, वार्डेन, एलएमसी स्पोर्ट्स व कर्मचारियों के पास अग्रिम राशि 13 लाख 67 हजार 842 रुपये है. यह अग्रिम राशि वर्ष 17-18 से 21-22 की अवधि मं भुगतान किया गया था, लेकिन उक्त राशि अभी तक नहीं पायी गयी है। टीम ने रिपोर्ट में लिखा है कि बैलेंस शीट में गलत कोष तैयार कर जान बूझकर सरकार और उच्चाधिकारियों को गुमराह करने का प्रयास किया गया है।
बता दें कि, इसके साथ ही कई अन्य गड़बड़ियां भी की गई है। मेसर्स कोलवेन कंस्ट्रक्शन को साल 2018-19 में रिपेयर व मेंटेनेंस सेनिटरी एंड वाटर सप्लाई कार्य को लेकर 12 माह के लिए कार्य दिया गया था, लेकिन यह कार्य निर्धारित समय में नही किया गया। साथ ही विपत्रों से लिक्विडेटेड डैमेज की राशि 6 लाख 61 हजार 772 रुपये की कटौती भी नहीं की गई। इसी तरह मेसर्स रसोई कैंटीन को कैटरिंग कार्य के लिए नियम विरुद्व तीन लाख 78 हजार 216 रुपये अधिक भुगतान किया गया है। वहीं झारखंड एथलेटिक एसोसिएशन के लिए 14 से 26 मार्च 2019 तक पांच कमरे एवं एक डोरमेट्री बुक किये गये थे। जिसका किराया 2लाख 4 हजार 80 रुपये बताया गया था, लेकिन इसका भुगतान एसोसिएशन नहीं किया गया है।
वर्ष 2020 में स्पोर्टस कैडेट एकेडमी होस्टल में मेस संचालन के लिए ई टेंडर निकाला गया था। इस टेंडर में L1 और L2 घोषित फर्मों के वार्षिक टर्नओवर में गलत जानकारी देने की बात सामने आने पर टेंडर प्रक्रिया रद्द कर दी गयी. बाद में मेसर्स डिस विस रांची व मेसर्स होटल रॉयल रांची को अग्रधन की एक- एक लाख की राशि जिसे वापस नहीं करना था उसे वापस कर दिया गया था। वहीं अब इन दोषी व्यक्तियों और आर्थिक पत्र तैयार करने एवं उस पर हस्ताक्षर करनेवाले सीए फर्म के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की मांग की जा रही है।