RANCHI: झारखंड विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। सदन की कार्रवाही की शुरूआत प्रश्नकाल से हुई। सदन में आज ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के अनुदान पर चर्चा हुई। सदन शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने विधानसभा के परिसर में नियोजन नीति को लेकर नारेबाजी की। सदन के कार्रवाही शुरू होने पर झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने सदन में अल्प सूचित सवाल के तहत पेसा नियमावली के गठन नहीं होने का मामला उठाया। जिसके बाद सरकार के जवाब से वो नराज भी दिखें।
दरअसल, झारखंड विधानसभा सत्र के प्रश्नकाल में दौरान झामुमो विधायक ने सदन में अल्प सूचित सवाल के तहत पेसा नियमावली का गठन नहीं होने का मामला उठाया। झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि अब तक सभी विभागों की नियमावली बनाकर संवैधानिक रूप से पंचायतों को सुदृढ़ करने की कोई पहल नहीं की गई है। वहीं पेसा का विकेंद्रीकरण कर राज्य में पंचायत चुनाव कराया जा रहा है, जो संवैधानिक दृष्टिकोण से मान्य नहीं है। पेसा नियमावली नहीं बनने से ग्राम स्वराज की अवधारणा को ठेस पहुंची है। विधायक ने कहा कि पेशा कानून शेड्यूल एरिया के लोगों के लिए कवच है। सरकार नियमावली बनाकर इसे कब तक लागू करेगी इसका जवाब दें।
वहीं, विधायक के इस सवाल पर सरकार के ओर से मंत्री आलमगीर आलम ने जवाब देते हुए कहा कि, सभी 15 विभागों की नियमावली तैयार करनी थी, जिनमें से 12 विभागों की रिपोर्ट आ चुकी है। केवल 3 विभागों की रिपोर्ट आना बाकी है। जल्द ही बाकी विभागों की रिपोर्ट मंगाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं सरकार के इस जवाब पर झामुमो विधायक हेंब्रम नाराज दिखें उन्होंने कहा कि सरकार एक निश्चित समय बताए की कब तक कार्रवाई पूरी होगी। इसपर स्पीकर ने विधायक से कहा कि आप भी मंत्री रहे हैं। आप सरकारी प्रक्रिया को समझ सकते हैं। स्पीकर के इस बात पर लोबिन ने कहा कि हम ऐसे मंत्री नहीं थे।