RANCHI : जेएमएम विधायक चमरा लिंडा ने रांची के प्रभात तारा मैदान में रैली कर केंद्र सरकार और अपनी ही सरकार को निशाने पर लिया। उन्होने आदिवासी अधिकार महारैली को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में कहने को आदिवासियों की सरकार है लेकिन राज्य में आदिवासी हाशिये पर है। तीन साल में सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
इस महारैली में लोहरदगा, गुमला, खूंटी, तमाड़, बुंडू, चाईबासा, संताल परगना से आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए थे। चमरा लिंडा ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार है फिर भी आदिवासियों को अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ता है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भोगता समाज को आदिवासी में शामिल कर दिया, अब एक बार फिर भोगता समाज को महतो बनाने की कोशिश हो रही है। ये राज्य आदिवासियों का है लेकिन हमारी सुनी नहीं जा रही है। अंग्रेजों ने हमें सीएनटी-एसपीटी एक्ट दिया पर हमारी सरकारों ने इसमें छेद कर सारी जमीन लूट ली।
महारैली में कई प्रस्ताव को पारित किया गया, जिसमें कुरमी-महतो जाति को आदिवासी में शामिल नहीं नहीं करने का प्रस्ताव प्रमुख है। चमरा लिंडा ने कहा कि अगर कुरमी को एसटी में शामिल किया गया तो पूरे राज्य में चक्का जाम कर आंदोलन होगा। महारैली में जो प्रस्ताव पारित हुए उनमें प्रमुख है सरकना धर्म कोड जनगणना फॉर्म में अंकित करने का प्रस्ताव, भुइहरी पहनई, महतोई, मुंडई, डालीकतारी, पनभरा , गैरही, देशवली, जमीन से संबंधित नियमावली बने, आदिवासी जमीन का हस्तांतरण गैर आदिवासी से विवाहित महिला के नाम बंद करने की नियमावली बने, एसटी की बैकलॉग में रिक्त पड़े पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू हो, लोहरा, लोहार, कमार, करमाली को आदिवासी की सूची में शामिल करने के लिए ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट में समीक्षा की जाये।