RANCHI: छत्तीसगढ़ में शराब का घोटाला हुआ, जिसका सिरा अब झारखंड में तलाश किया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार ED अब झरखंड में शराब घोटाले कि जांच करने की तैयारी में है. ED ने अहम सबूत इकठ्ठा किए है. जल्दी ही झारखंड में शराब घोटाले से बड़ा पर्दा हट सकता है.
बता दे झारखंड में नयी शराब नीति का सलाहकार अरुण पति त्रिपाठी, छत्तीसगढ़ के करोड़ों के शराब घोटाले का सरगना निकला. वह केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की अनुमति के बिना ही झारखंड में सलाहकार बना. और पत्नी के नाम पर आइटी कंपनी बना कर ‘प्रिज्म’ नामक कंपनी को बेच दी. जो बाद में कंपनी को छत्तीसगढ़ में होलोग्राम छापने का काम दिलाया. जिसके बदले में उससे 90 लाख रुपये उसने लिये. त्रिपाठी की पत्नी ने अपने नाम पर बनी कंपनी का पूरा नियंत्रण उसके पति के पास थी.
अरुण पति त्रिपाठी की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में ED को कई सबूत मिला है. जिसमें पता चला है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का सरगना वही था. सरकार के समानांतर शराब बिक्री के नेटवर्क का पूरा नियंत्रण उसी के पास था. जिसमें शराब बिक्री की इस समानांतर व्यवस्था से उसने कमीशन के रूप में अपने लिए 20 करोड़ रुपये वसूले हैं. जांच में पाया गया है कि उसने साल 2021 में अपनी पत्नी के नाम पर एक आइटी कंपनी बनायी. और इस कंपनी को ‘प्रिज्म होलोग्राफी एंड फिल्म्स प्रालि’ को बड़ी कीमत पर बेच दिया.