RANCHI: झारखंड के सभी डॉक्टरों ने बधुवार को राज्य में हड़ताल किया था। सभी डॉक्टरों के द्वारा यह हड़ताल अपना सुरक्षे की मांग को लेकर था। डॉक्टरों के ऊपर आए दिन होने वाले हमले के कारण राज्य को सभी डॉक्टर नाराज हैं। नाराज डॉक्टरों ने बुधवार को हड़ताल किया जिसके कारण पूरे राज्य में ओपीडी और इमरजेंसी की सेवाएं ठप रही। इस हड़ताल के कारण करीब लाखों मरीजों का इलाज नहीं हो पाया। वहीं कार्य बहिष्कार करने के बाद आइएमए और झासा के पदाधिकारियों ने शाम में बैठक की। यह बैठक आइएमए भवन में की गई। इस बैठक में राज्य के सभी डॉक्टरों ने सर्वसम्मति से 13 मार्च को अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
दरअसल, राज्य में आए दिन डॉक्टरों के ऊपर हो रहे हमले के खिलाफ डॉक्टरों ने आइएमए और झासा के बैनर तले बुधवार हड़ताल किया। ओपीडी की सेवाएं ठप रखी। राज्य के सरकारी अस्पताल के साथ- साथ निजी अस्पतालों के करीब 13हजार से अधिक डॉक्टरों ने अपनी ओपीडी की सेवाएं बंद रखी। सरकार के समक्ष अपनी मांगो को रखी। लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
बता दें कि, हड़ताल के बाद डॉक्टरों ने शाम ने आइएमए भवन में बैठक की। जिसके बाद सभी डॉक्टरों ने 13 मार्च को अनिश्तिकालीन के लिए कार्य को बहिष्कार करने का फैसला लिया है। वहीं पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि इस बीच अगर सरकार उनकी मांगो को मांग कर उनके हक में फैसला लेती है तो वह इस हड़ताल को स्थगित कर देंगे।
बताते चलें कि, IMA ने प्रस्ताव पारित कर राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू करने और बायोमैट्रिक अटेंडेंस से डॉक्टरों को मुक्त रखने की मांग सरकार से की थी। साथ ही झासा ने कहा था कि राज्य में डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं लगातार हो रही हैं। इसके विरोध में यह सांकेतिक आंदोलन है, इसके बाद भी अगर सरकार कोई ठोस पहल नहीं करती है तो आंदोलन और तेज होगा।