PATNA : झारखंड के बाद बिहार में भी महागठबंधन को ऑपरेशन लोटस का डर सता रहा है। इसलिए उसने अपने सभी 19 विधायकों को बिहार से दूर कर दिया है। इतना ही नहीं यह फरमान भी जारी किया गया है कि एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट तक कोई भी विधायक बिहार में नहीं रहेंगे। यानी यहां भी ऑपरेशन लोटस का डर सता रहा है।
दरअसल, कांग्रेस के नेता बार-बार ऑपरेशन लोटस की बात कर रहे हैं। यह शब्द 2008 में पहली बार कर्नाटक में ऑपरेशन लोटस शब्द सियासी चर्चा में आया था। वैसे ऑपरेशन लोटस बीजेपी का कोई अभियान नहीं है बल्कि विपक्ष जोड़-तोड़कर बनाने की बीजेपी की कवायद को ऑपरेशन लोटस कहा जाता है। उस समय बीजेपी को 225 में से 110 सीटें मिली थीं और बहुमत के लिए 3 सीट और चाहिए थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, पार्टी को एकजुट रखने और किसी प्रकार की टूट से बचाने को लेकर बिहार के कांग्रेसी विधायकों को प्रदेश से बाहर रखा जायेगा। अब कांग्रेस के विधायक बिहार विधानसभा के सत्र आरंभ होने के समय ही पटना पहुंचेंगे। वे फ्लोर टेस्ट में एनडीए सरकार के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करेंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शनिवार शाम पार्टी के सभी विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के साथ बैठक की। हालांकि स्वास्थ्य कारणों से इस बैठक में पार्टी के 19 में से 2 विधायक शामिल नहीं हुए। इनमें सिद्धार्थ और आबिदर रहमान शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि खड़गे ने सभी विधायकों को एकजुट रहने का मंत्र दिया। विधायकों के साथ वह रविवार को भी बैठक करेंगे।
बताया जा रहा है कि, बैठक के बाद सभी विधायकों को किसी अज्ञात जगह पर भेज दिया जायेगा। यह उम्मीद की जा रही है कि उन्हें शिमला भी भेजा जा सकता है। आपको बता दें नीतीश कुमार की नई सरकार का 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट हैं। जानकारी के मुताबिक आलाकमान ने अपने विधायकों को लोकसभा चुनाव में सीटों की शेयरिंग को लेकर दिल्ली में बैठक बुलायी थी। बैठक में लोकसभा चुनाव पर भी चर्चा हुई।
विधायकों को सभी 40 सीटों पर महागठबंधन प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए महागठबंधन से जदयू के हटने के बाद पार्टी की संभावनाओं वाली लोकसभा सीटों पर भी चर्चा हुई। यह भी बताया गया कि प्रदेश कांग्रेस अब 15 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, हालांकि राजद की ओर से 12 सीटों पर सहमति हो सकती है। दिल्ली बैठक में जाने के पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह राजद नेता लालू प्रसाद व तेजस्वी यादव से भी मिले थे। आलाकमान के साथ हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष के अलावा पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा व मदन मोहन झा व वरिष्ठ विधायक अजित शर्मा आदि भी मौजूद रहे।