PATNA : मधुबनी के फुलपरास में आज जनसभा करने पहुंचे नीतीश कुमार को जेडीयू प्रत्याशी ने भगवान राम के बराबर करार दिया. जेडीयू प्रत्याशी शीला मंडल ने कहा कि नीतीश कुमार कर्म से राम के बराबर हैं. उन्होंने बिहार में महिलाओं को चौके से चौक तक पहुंचा दिया.
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने विकास कार्यों को गिनाया. उन्होंने कहा कि बिहार की आधारभूत संरचनाओं को निर्मित करने और राज्य को विकास पथ पर ले जाने में उन्होंने कोई कमी नहीं छोड़ी. नीतीश ने कहा कि उनका भरोसा न्याय के साथ विकास पर है. हर तबके का विकास, हर वर्ग का विकास, बिना किसी भेदभाव के हमने इसके लिए काम किया है. हमने लक्ष्य लिया था बिहार के किसी भी क्षेत्र से पटना आने में 6 घंटे से ज्यादा न लगे, वो हमने कर दिया अब 5 घंटे का लक्ष्य लिया है उसके लिए सड़कें और पुलों का निर्माण करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक मिथिला क्षेत्र का विकास नहीं होता, बिहार का विकास नहीं होगा. उनकी सरकार ने मिथिला के विकास के लिए हर संभव काम किया है और आगे भी करते रहेंगे.
जनसभा को सम्बोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि पहले बिहार का कितना बुरा हाल था, विकास दर कम था, हमने शुरू से ही कहा था हम अपराध, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता को बर्दाश्त नहीं कर सकते. हमने इसपर काम किया और परिणाम आपके सामने है, क्राइम के मामले में बिहार अब देश भर में 23वे नंबर पर है.
उन्होंने महिलाओं को लेकर किये गए अपने कामों पर जोर देते हुए कहा कि जितनी मुस्तैदी से हम महिलाओं के लिए काम कर रहे हैं, उससे महिलाएं आगे बढ़ रही हैं. जब पुरुष और महिलाएं साथ में काम करेंगे तो समाज आगे बढ़ेगा. बिहार में स्वयं सहायता समूह का बुरा हाल था हमने जीविका समूह के माध्यम से काम किया है. 10 लाख समूह बन गए, 1 करोड़ 20 लाख महिलाएं जुड़ गईं. जीविका समूहों का प्रभाव इतना हुआ कि केंद्र सरकार ने इसको अपना लिया औप पूरे देश में आजीविका समूह के नाम से लागू कर दिया.
फुलपरास से जदयू प्रत्याशी शीला मंडल ने कहा कि आज वह चौके से उठाकर इस चौक पर खड़ी हैं तो सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार की बदौलत. राज्य के कोने-कोने में लड़कियां उनकी बदौलत ही साइलिकल से स्कूल जा रही हैं. इसके साथ ही महिलाओं को मुख्यमंत्री जी ने पंचायती राज में आरक्षण दिया है, जिसके कारण ही महिलाओं को आगे आने का मौका मिला है. उन्होंने नीतीश कुमार के विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि न बुद्ध किताब पढ़ कर बुद्ध हुए और न ही रामजी ने रामायण पढ़ी. व्यक्ति अपने कर्मों से ही महान होता है. और नीतीश जी ने राम की तरह काम किया है. उसकी प्रमाण बनकर वे खड़ी हैं.