जातीय जनगणना के प्रारूप में बदलाव, अब देश-राज्य और जिला के लिए भी कोड तय, जानिए अपना नंबर

जातीय जनगणना के प्रारूप में बदलाव, अब देश-राज्य और जिला के लिए भी कोड तय, जानिए अपना नंबर

PATNA : बिहार में जाति आधारित गणना शुरू होने के बाद इसमें अब एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। समान प्रशासन विभाग के तरफ से अब जातियों की गणना के साथ देश, राज्य और बिहार के जिलों का कोड तय कर दिया गया है। अभी तक सिर्फ राज्य में रहने वाले अलग अलग जातियों तक के लिए ही कोड निर्धारण किया गया था। लेकिन अब दूसरे देशों के साथ-साथ बिहार के सभी जिलों में रहने वाले लोगों के लिए भी कोड निर्धारित किया गया है। जाति आधारित गणना के दौरान कोड से ही दुनिया के देशों, भारत के राज्यों और बिहार की जिलों को अंकित किया जाएगा।


दरअसल, सामान प्रशासन विभाग की तरफ से बिहार के जिलों का जो कोड तय किया गया है, उसके अनुसार पहले स्थान पर अररिया को रखा गया है और जबकि अंतिम स्थान पर वैशाली को रखा गया है। जिलों के लिए जो कोड निर्धारण किया गया है क्रमानुसार, अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गया, गोपालगंज, जहानाबाद, जमुई, कैमुर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, नालंदा पश्चिमी चंपारण, पटना, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान, सुपौल और आखरी में वैशाली को रखा गया है।


मालुम हो की,यह बदलाव उस समय हुआ, जब गणना के पहले दिन कर्मचारी लोगों से पूछताछ कर रहे थे। विदेश कॉलम में देश का नाम नहीं था। राज्यों के कॉलम में किस राज्य में बिहार के लोग रहते हैं उसका नाम नहीं था। इससे स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि बिहार के रहने वाले लोग किस राज्य में रह रहे हैं। वहीं विदेश में कौन कहां रहते हैं, इसका भी पता नहीं चल रहा था। जिसके बाद अब आज इसमें बदलाव करते हुए दुनिया के 239 देश, भारत के 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के साथ-साथ बिहार के 38 जिलों के नाम के साथ उनका कोड निर्धारित कर दिया गया है।


वहीं, इसको लेकर अधिकारियों का कहना है कि गणना कार्य में बदलाव से फायदा होगा। इससे जानकारी मिल जाएगी कि कितने लोग विदेश में हैं तो कहां और भारत में ही हैं तो किस राज्य में। इससे पहले जो प्रारूप (फार्मेट) था, उससे ज्यादा से ज्यादा देश या विदेश में रहने वालों की संख्या का पता चल पाता। 


आपको बताते चलें कि, कोड दिए जाने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि बिहार के लोग दुनिया के किस देश में सबसे अधिक रह रहे हैं। भारत में हैं तो किस राज्य में और कितनी संख्या है। गणना के दौरान जो व्यक्ति बाहर रह रहे हैं। उसके कॉलम में अब देश या राज्य के नाम भी अंकित होंगे। इसके साथ ही मोबाइल एप में इस प्रारूप को अपलोड किया जाएगा।