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1st Bihar Published by: Updated Wed, 24 Nov 2021 07:16:55 PM IST
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PATNA: तीन-चार महीने बाद होने जा रहे उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को लेकर बडे बड़े दावे कर रहे मुकेश सहनी का सेनापति जंग से पहले ही भाग खड़ा हुआ है. उत्तर प्रदेश में वीआईपी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने मुकेश सहनी को सामाजिक न्याय, लोकतंत्र और संविधान विरोधी करार देते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वैसे मुकेश सहनी की पार्टी की ओऱ से ये कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के पार्टी अध्यक्ष चौधरी लौटनराम निषाद को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है, उनके पार्टी से अलग होने की बात गलत है.
मुकेश सहनी को करारा झटका
दरअसल मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश चुनाव में जोर आजमाइश के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है. पिछले कई महीने से वे लगातार यूपी का दौरा कर रहे हैं. इसी बाच उनके प्रदेश अध्यक्ष चौधरी लौटन राम निषाद का इस्तीफा सामने आया है. दो पन्ने का पत्र लिखकर उन्होंने पद और पार्टी दोनों से इस्तीफा देने का एलान किया है. चौधरी लोटन राम निषाद ने अपने इस्तीफा में मुकेश सहनी पर गंभीर आरोप लगाया है.
यूपी में वीआईपी के अध्यक्ष चौधरी लौटन राम निषाद ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मुकेश सहनी अलोकतांत्रिक तरीके से काम कर रहे हैं. वीआईपी पार्टी संविधान औऱ सामाजिक न्याय के खिलाफ काम कर रही है. लौटन राम निषाद ने कहा है कि उन्होंने पूरे जीवन सामाजिक न्याय की धारा को मजबूत करने का काम किया है. लिहाजा अब वे किसी सूरत में ऐसे लोगों के साथ काम नहीं करेंगे जो संविधान औऱ सामाजिक न्याय के खिलाफ काम कर रहे हैं. चौधरी लौटन राम निषाद ने तत्काल अपने पद औऱ पार्टी से इस्तीफा देने का एलान किया है.
उधर वीआईपी के प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा है कि चौधरी लौटन राम निषाद को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. वे पार्टी के साथ है. पार्टी ने उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर सांगठनिक फेरबदल किया है. वहां एक प्रदेश अध्यक्ष के बजाय पूरे सूबे को चार हिस्सों में बांटकर चार प्रदेश अध्यक्ष बनाये गये हैं. वहीं, उमेश सहनी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है.
कौन हैं लौटन राम निषाद
चौधरी लौटन राम निषाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के पिछडा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष थे. उन्होंने बयान दे दिया था कि वे भगवान राम को मानते ही नहीं हैं औऱ वे काल्पनिक चरित्र हैं. ऐसे किसी भगवान पर उनका भरोसा नहीं है. इसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें पद से हटा दिया था. इसी साल जुलाई में मुकेश सहनी ने चौधरी लौटन राम निषाद को अपनी पार्टी में शामिल कराकर उन्हें अपनी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था.