DEOGHAR: देश में आए दिन साइबर अपराध बढ़ते जा रहा है। साइबर अपराध को रोकने के लिए पुलिस कोशिस तो बहुत करती है, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगती है। लगभग 23 राज्यों की पुलिस साइबर क्राइम से परेशान चल रही है। फिर भी साइबर अपराध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। साइबर अपराध के लिए मशहूर झारखंड के जामताड़ा के बाद अब देवघर साइबर क्राइम का गढ़ बनते जा रहा है और साइबर अपराधियों ने पुलिस की नाक में दम कर रखा है।
दरअसल, झारखंड का जिला देवघर अब साइबर क्राइम का गढ़ बनता जा रहा है। पुलिस की जानकारी के अनुसार देवघर जिले के कई क्षेत्र के युवक साइबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। इन अपराधों पर नकेल कसने के लिए झारखंड की सरकार ने देवघर में साइबर थाने की भी स्थापना की है। साथ ही डीएसपी के साथ कई अधिकारियों की भी नियुक्ति की, लेकिन फिर भी साइबर क्राइम रूकने का नाम नहीं ले रहा है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो, अपराध को रोकने के लिए तीन साल के भीतर 23 राज्यों की पुलिस देवघर आ चुकी है। पुलिस साइबर अपराध के संलिप्त आरोपियों की गिरफ्तारी करने देवघर पहुंच चुकी है। कई बार छापेमारी भी हुई है, जिसमें पुलिस को कुछ हद तक सफलता भी मिली है। अब तक 23 राज्यों की पुलिस 111 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि 3 साल के अंदर स्थानीय पुलिस और साइबर पुलिस के मदद से कुल 1009 साइबर आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 3976 आरोपियों पर कार्रवाई की जा रही है। हाल फिलहाल के ही दिनों में 28 साइबर क्राइम में संलिप्त आरोपियों पर बड़ी कार्रवाई की जा रही है।
बता दें कि, साइबर क्राइम के जरिए आरोपी आम लोगों को अपनी जाल में फंसा कर ठगी करते हैं। जानकारों की मानें, तो कई मास्टरमाइंड के द्वारा साइबर पाठशाला भी चलाई जाती है। साइबर क्राइम करने वाले मास्टरमाइंड छोटे-छोटे बच्चों को ट्रेनिंग देकर साइबर क्राइम कराते हैं। इसके बाद ठगी किए गए रुपए का 40-50 प्रतिशत राशि का बंटवारा कर लिया जाता है। ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्र के युवक चंद दिनों में लखपति बनने का सपना साकार करने के लिए इस क्राइम के तरफ ज्यादा आकर्षिक हो रहे हैं। यह सबसे बड़ी वजह है कि आज के समय में सबसे ज्यादा युवा साइबर क्राइम से जुड़ रहे हैं।