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जालसाजों ने बिहार के एक कॉलेज को कर दिया कंगाल, खाते में रखे सारे पैसे उड़ाये, वेतन के लिए भी नहीं बची राशि

 जालसाजों ने बिहार के एक कॉलेज को कर दिया कंगाल, खाते में रखे सारे पैसे उड़ाये, वेतन के लिए भी नहीं बची राशि

PATNA : बिहार में बैंक खातों से पैसे उडाने वालों ने एक कॉलेज को ही कंगाल कर दिया है. जालसाजों ने कॉलेज के बैंक खाते से सारे पैसे उड़ा लिये हैं. आलम ये है कि कॉलेज के पास वेतन देने का भी पैसा नहीं बचा. कॉलेज के प्रिंसिपल कह रहे हैं कि इस खेल में बैंक भी शामिल है.


सीवान में हुई धोखाधड़ी
सीवान के राजदेव सिंह महाविद्यालय के खाते से जालसाजों ने क्लोन चेक के जरिये 32 लाख 75 हजार रुपये निकाल लिये हैं. क्लोन चेक के जरिये सारा पैसा चार बैंक खातों में RTGS कर दिया गया. कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो अभिमन्यु कुमार सिंह ने बताया कि इसकी सूचना मुफस्सिल थाने को दे दी गयी है. उन्होंने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया कॉलेज का मदर बैंक है. उन्होंने बैंक के कर्मचारी-अधिकारियों पर भी जालसाजी में शामिल रहने का आरोप लगाया है.


ऐसे उजागर हुआ मामला
दरअसल प्रिंसिपल ने पिछले 11 फरवरी को एक कर्मचारी के वेतन के लिए एक लाख 35 हजार रुपये का एक चेक जारी किया. 3-4 दिनों तक जब कर्मचारी के खाते में पैसा नहीं आया तो उन्होंने बैंक में पूछताछ करायी. बैंक ने बताया कि जितने पैसे का चेक काटा गया है उतना पैसा तो अकाउंट में है ही नहीं. ये जानकारी मिलने के बाद परेशान प्राचार्य खुद बैंक की ब्रांच में पहुंचे. वहां पता चला कि कॉलेज के खाते में मात्र 48 हजार रुपये बचे हैं.  जबकि खाते में 33 लाख से अधिक राशि होनी चाहिये थी.


इसके बाद प्रिंसिपल ने बैंक को स्टेटमेंट देने को कहा. बैंक ने जो स्टेटमेंट उन्हे दिया उसके मुताबिक 25 और 29 जनवरी को चार फर्जी चेक के जरिये कॉलेज के खाते से करीब 32 लाख 75 हजार रुपये चार बैंक अकाउंट में आरटीजीएस किये गये हैं. प्रिंसिपल ने बताया कि जिस नंबर के चेक के जरिये बैंक से पैसे ट्रांसफर हुए वो सारे चेक उनके पास मौजूद है. फिर बैंक ने पैसे कैसे ट्रांसफर कर दिये. प्रिंसिपल ने कहा कि बैंक के कर्मचारियों-अधिकारियों की सहभागिता के बगैर ऐसा होना संभव नहीं है. बैंक से एक बार में 8 लाख 25 हजार, 9 लाख 65 हजार तथा 9 लाख 85 हजार की मोटी रकम को ट्रांसफर किया गया लेकिन बैंक प्रबंधन ने एक बार भी उनसे पूछताछ नहीं की.


प्रिंसिपल ने बताया कि कॉलेज के चेक पर उनके अलावा एक सीनियर टीचर का साइन बोता है. फर्जी चेक पर किया गया हस्ताक्षर भी नहीं मिल रहा हैं. इससे भी जाहिर होता है कि इस मामले में बैंक की मिलीभगत है.  कॉलेज के प्राचार्य ने मामले की जानकारी मुफस्सिल थाने को देकर एफआइआर दर्ज कर दोषियों पर कार्रवाई करने  को कहा है.