PATNA : बिहार में चल रही जाति आधारित गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज यानि सोमवार को एक बार फिर से सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अब तक के दायर सभी याचिका को क्लब किया है। इसके साथ में सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक दूसरे पक्ष को नहीं सुन लिया जाता है तब तक इसको लेकर किसी भी तरह का कोई निर्णय नहीं लिया जा सकेगा।
दरअसल पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। इस याचिका पर पिछली सुनवाई 18 अगस्त को हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि बिहार में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। आंकड़े भी ऑनलाइन अपलोड की जा रही है। इसके बाद याचिका करता के तरफ से जातीय गणना का ब्योरा रिलीज नहीं करने की मांग की गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को भी खारिज कर दिया था और मामले की सुनवाई 21 अगस्त तक टाल दी गई थी। जिसके बाद एक बार फिर से सुनवाई होनी है।
मालूम हो कि, पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं 1 अगस्त को खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार चाहे तो गणना करा सकती है। इसके तुरंत बाद सरकार ने जातीय गणना को लेकर आदेश जारी कर दिया था। जिसके बाद यह काफी तेजी से हो रहा है। पटना जैसे बड़े जिले में यह काम लगभग पूरा हो चूका है। डेटा कलेक्शन का काम भी पूरा हो गया है। अब डेटा को ऑनलाइन फीड किया जा रहा है।
आपको बताते चलें कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुसार बिहार सरकार जातीय गणना नहीं, सिर्फ लोगों की आर्थिक स्थिति और उनकी जाति से संबंधित जानकारी लेना चाहती है। इससे उनकी बेहतरी के लिए योजना बनाई जा सके। सरकार की तरफ जाति आधारित गणना और आर्थिक सर्वेक्षण को लिए सरकार की तरफ से 500 करोड़ की राशि अलॉट की गई है।