RANCHI : कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने अजीबो-गरीब बयान देते हुए कहा था कि एक आदिवासी तेज कैसे हो सकता है? बाबूलाल जी इतने तेज कैसे हो गए? हमें समझ में नहीं आता। आप आदिवासी हैं। कोई आदिवासी इतना तेज कैसे हो सकता है?' इरफ़ान अंसारी के इस बयान पर झारखंड विधानसभा सत्र के पांचवे दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ। सदन के अंदर और बाहर बाबूलाल मरांडी के समर्थन में बीजेपी ने कांग्रेस विधायक से माफ़ी मांगने को कहा। वही सदन की कार्यवाही शुरू होते ही माहौल काफी गर्म हो गया। स्थिति यह हो गयी की स्पीकर को मार्शल अलर्ट करना पड़ गया।
हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। दरअसल अपने विवादित बयान को लेकर इरफान अंसारी बीजेपी विधायकों के निशाने पर थे। स्थिति ऐसी हो गयी थी जैसे लग रहा था कि विधायकों के बीच मारपीट हो जाएगी। इरफान के बयान से भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता इतने आक्रोशित हो गये कि इरफान की तरफ बढ़ने लगे तभी कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने उन्हें ऐसा करने से रोका।
शशिभूषण का कहना था कि इरफान अंसारी ने आदिवासी समाज और बाबू लाल मरांडी पर टिप्पणी की है। उनको सदन में कान पकड़कर माफी मांगनी चाहिए नहीं तो हम उनकी ऐसी तैसी कर देंगे। तब स्पीकर ने कहा कि वे सदन में नहीं है। इरफान अंसारी से इस संबंध में बातचीत की जाएगी। जिसके बाद बीजेपी विधायक हंगामा करने लगे।
तभी इरफान सदन में पहुंच गये उन्हें देख शशिभूषण आग बबूला हो गये। कहने लगे कि इधर आओ तुमको बताते हैं। तभी स्थिति को बिगड़ता देख स्पीकर ने मार्शल अलर्ट कर दिया और बीजेपी विधायक को अपन आसन पर जाने को कहा। जिसके बाद इरफान अंसारी ने सदन में कहा कि वे आदिवासी समाज के हितेषी हैं फिर भी यदि उनकी बातों से किसी को ठेस पहुंची है तो इसके लिए हम खेद प्रकट करते हैं लेकिन भाजपा वालों ने ही आदिवासी के मुंह में पेशाब किया था।
वही कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि यह मैं पहली बार सदन के अंदर देखा हूं जो सरासर गलत है। सदन को अखाड़ा बनाना उचित नहीं है इसके लिए बीजेपी को अपने विधायक शशिभूषण मेहता पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। यह परंपरा गलत है ऐसी परंपरा की शुरुआत नहीं होनी चाहिए। जबकि जेएमएम विधायक सुदिव्य सोनू ने कहा कि कांग्रेस के तमाम नेताओं ने माफी मांगी है। साथ ही संसदीय कार्य मंत्री ने भी सदन में माफी मांगी है इसके बावजूद बीजेपी विधायकों का जो सदन में व्यवहार रहा है वह कहीं से भी शोभनीय नहीं है। इस पर स्पीकर से हम सभी मांग करते हैं कि कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।