DESK : एक साल होने को है और पूरी दूनिया अभी भी कोरोना महामारी से जूझ रही है. अभी कोरोना का खतरा टला नहीं है जिसे लेकर सभी देश सतर्क हैं. जबतक इलाज नहीं तब तक ढिलाई नहीं के तर्ज पर हम काम कर रहे हैं. कोरोना ने हमराी जिंदगी को ही पूरी तरह से बदल दिया है. मास्क से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का शब्द हमारे डेली लाइफ का हिस्सा बन गए हैं. कोरोना का केस कई देशों में कम हुआ पर फिर से वहां से मामले सामने आने लगे हैं, जिसके बाद हालात फिर से गंभीर हो रहे हैं.
इन सब के बीच अंतरराष्ट्रीय एजेंसी इंटरपोल ने चेतावनी जारी की है. अंतरराष्ट्रीय एजेंसी इंटरपोल ने दावा किया है कि दिग्गज राजनीतिक शख्सियतों को कोरोना संक्रमित चिट्ठियों के जरिए निशाना बनाया जा सकता है. दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों को चेतावनी देते हुए इंटरपोल ने कहा है कि वे सावधानी बरतें और कोविड -19 से संक्रमित दस्तावेजों को लेकर सावधान रहें. इंटरपोल ने दुनिया के अन्य देशों समेत भारत की जांच एजेंसियों को भी चेतावनी दी है, जिसमें विभिन्न कार्य-प्रणाली के आधार पर निगरानी बढ़ाने पर विचार किया गया है.
इंटरपोल के मुताबिक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वैश्विक नेताओं को निशाना बनाकर कोरोना संक्रमित चिट्ठियां भेजी जा सकती हैं. इसलिए इससे बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है. दिशानिर्देशों में कहा गया है, 'जांच एजेंसियों के अधिकारियों, डॉक्टर्स और एशेंसियल वर्कर्स को डराने के लिए उनके चेहरे पर खांसने और थूकने के उदाहरण सामने आए है. अगर ऐसा करने वाला कोविड संक्रमित है तो इससे खतरा और बढ़ सकता है. सतहों और वस्तुओं पर थूकने और खांसने से जानबूझकर संक्रमण फैलाने के प्रयास की सूचना मिली है. कुछ कोविड -19 संक्रमित चिट्ठियां मिली हैं जिनसे राजनीतिक शख्सियतों को निशाना बनाया जा सकता है. यह काम करने वाले अन्य समूहों को भी प्रभावित कर सकते हैं.'इसके साथ ही इंटरपोल ने कहा कि कुछ लोग कोरोना संक्रमित होने के बावजूद जानबूझकर ऐसे इलाकों में जा सकते हैं जो प्रभावित नहीं हैं. साथ ही बॉडी फ्लूड्स के संक्रमित सैंपल्स को ऑनलाइन बेचने का दावा करने वालों की सूचना मिली है. Interpol ने गाइडलाइन्स में सभी विभागों से सतर्क रहने को कहा है.