PATNA: बिहार के शेल्टर होम की सीबीआई जांच में दोषी पाये 25 पूर्व डीएम समेत 71 सरकारी अधिकारियों पर नीतीश सरकार फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं करने जा रही है. सीबीआई ने इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा बिहार के मुख्य सचिव से की थी. लेकिन राज्य सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने जा रही है.
सीबीआई ने की थी कार्रवाई की अनुशंसा
गौरतलब है कि सीबीआई ने मुजफ्फरपुर समेत बिहार के 17 शेल्टर होम की जांच की थी. इसमें पटना, भागलपुर, मोतिहारी, मुंगेर, कैमुर, मधेपुरा, मधुबनी और अररिया के शेल्टर होम शामिल हैं. पिछले सोमवार को ही सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था जिसमें कहा गया था कि उसने शेल्टर होम में गड़बड़ी के लिए 25 पूर्व डीएम सहित 71 अधिकारियों को भी दोषी माना है. उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा बिहार सरकार से की गयी है. CBI ने कोर्ट को बताया था कि अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए उसने बिहार के मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंप दी है.
सीबीआई की रिपोर्ट में जिन पूर्व डीएम के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है उनमें से कई अभी बेहद अहम पदों पर बैठे हैं. इस रिपोर्ट में सबसे ज्यादा पूर्वी चंपारण के पांच पूर्व डीएम पर कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है.
राज्य सरकार फिलहाल नहीं करेगी कार्रवाई
शेल्टर होम में हुए काले कारनामे ने देश भर में बिहार की इमेज बिगाड़ दी थी. लेकिन राज्य सरकार फिलहाल उसके लिए जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करने जा रही है. बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार अभी ये पता लगा रही है कि अधिकारियों ने कितनी गड़बड़ी की. सरकार को सीबीआई की अगली कार्रवाई का भी इंतजार है. अगर सीबीआई किसी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दायर करती है तब राज्य सरकार कार्रवाई करेगी.
हालांकि आमिर सुबहानी ये भी कह रहे हैं कि सरकार बेहद गंभीर है और अगर कोई अधिकारी दोषी होगा तो उसे बख्शा नहीं जायेगा. लेकिन किनके खिलाफ कौन सी कार्रवाई होगी ये सरकार नहीं बता रही है.
IAS लॉबी के सामने सरकार नतमस्तक
जानकार बताते हैं कि 25 IAS अधिकारियों के साथ कुल 71 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नीतीश सरकार के बूते की बात नहीं लगती. ये आम धारणा रही है कि नीतीश कुमार की सरकार आई ए एस अधिकारी चलाते हैं. जो सरकार चला रहे हैं उनके खिलाफ ही कार्रवाई कैसे हो जायेगी.