PATNA : बिहार में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का आज तीसरा दिन है. राज्य के विभिन्न अस्पतालों में डॉक्टरों के हड़ताल के कारण मरीज वार्ड में इलाज के लिए तड़प रहे हैं. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्था प्रभावित हुई है, जिसे देखते हुए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने हड़ताल खत्म करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी.
दरभंगा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय ने कहा कि "डॉक्टरों को इस बात पर विचार करना चाहिए कि जो गरीब मरीज हैं, वो कष्ट में न रहें. डॉक्टरों से बार-बार अपील की जा रही है कि उनकी कठिनाइयों को सरकार देखेगी. अस्पताल के अंदर व्यवस्था को ठीक करने में प्रशासन लगा हुआ है." उन्होंने कहा कि "मैं जूनियर डॉक्टरों से अपील करता हूं कि राज्य की जनता का हित सर्वोपरि है और राज्य के जनता की सेवा के लिए ही वो अस्पतालों में हैं. जनहित का ध्यान रखें और डॉक्टर काम पर आएं. उनकी समस्याओं को देखा और समझा जायेगा."
आपको बता दें कि हड़ताली डॉक्टरों और सरकार के बीच अब तक कोई वार्ता नहीं हुई है. पटना मेडिकल कॉलेज में बाहरी डॉक्टरों को लगाने की तैयारी है. सिविल सर्जन का कहना है कि अगर मेडिकल कॉलेज मांग करता है तो डॉक्टरों की व्यवस्था की जाएगी. उधर पटना मेडिकल कॉलेज में मरीजों की भीड़ के बीच सुबह से ही डॉक्टरों की नारेबाजी चल रही है.
मानदेय बढ़ाये जाने को लेकर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पीजी डॉक्टर की हड़ताल गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी है. हड़ताल के दौरान गुरुवार को इमरजेंसी के शिशु रोग वार्ड में भर्ती छह माह की बच्ची की मौत हो गयी. बच्ची के पिता ने आरोप लगाया कि बच्ची की तबीयत गंभीर थी. हड़ताल के कारण डॉक्टरों ने बेटी का ठीक से इलाज नहीं किया, जिससे उनकी बेटी की मौत हो गयी. हड़ताल के कारण अस्पताल में आधा दर्जन से अधिक मरीजों के ऑपरेशन टालने पड़े. सर्जरी विभाग में नौ में से चार मरीजों का तो हड्डी रोग विभाग में सात में चार मरीजों के ऑपरेशन हड़ताल के कारण टल गये. सिर्फ इमरजेंसी में ही जरूरी ऑपरेशन किये गये. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन जेएलएनएमसीएच के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगी.