होली में 140 करोड़ की शराब पी गये झारखंड के लोग, बंपर टैक्स वसूली से सरकार भी गदगद

होली में 140 करोड़ की शराब पी गये झारखंड के लोग, बंपर टैक्स वसूली से सरकार भी गदगद

RANCHI: झारखंड में इस साल की होली शराब पीने वालों के नाम ही रही. होली को रंगीन बनाने के लिए झारखंड के लोग करीब 140 करोड़ की शराब पी गये. सरकार को बंपर टैक्स वसूली हुई. अब मार्च महीने में ही साढ़े तीन सौ करोड़ रूपये की शराब बेच लेने का टारगेट फिक्स कर दिया गया है.


झारखंड के उत्पाद विभाग से मिले आंकडे के मुताबिक होली के मौके पर सूबे के लोगों ने करीब 140 करोड रूपये की शराब खरीदी. शराब की बिक्री का ये आंकड़ा 1 से 7 मार्च तक का है.  उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मुताबिक  झारखंड में 1 से 5 मार्च तक करीब 70 करोड़ की शराब बिकी. वहीं होली के पहले दो दिनों यानि 6-7 मार्च को 70 करोड़ रुपये की शराब बेची गई. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मुताबिक 1 से 5 मार्च तक 5 दिनों में शराब की बिक्री दूसरे दिनों की तुलना में काफी ज्यादा थी. यानि होली के शराब की खरीददारी 1 मार्च  से ही शुरू हो गयी थी.


एक दिन में बिकी 44 करोड़ की शराब

सरकारी आंकड़े के मुताबिक होली से पहले के दो दिनों यानि 6 और 7 मार्च को कुल 70 करोड़ रुपये की शराब बिकी. इसमें 6 मार्च को 26 करोड़ रूपये की शराब बेची गयी. सबसे बंपर बिक्री 7 मार्च को हुई. एक दिन में 44 करोड़ रुपये की शराब बेची गयी. झारखंड में आम दिनों में 7 से 8 करोड़ की शराब बिकती है. यानि होली के एक दिन पहले आम दिनों की तुलना में 5 से 6 गुणा ज्यादा शराब बेची गयी. 


शराब की बिक्री के जिलावार आंकड़े भी आये हैं. 6-7 मार्च के 2 दिनों में रांची में सर्वाधिक 12 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई. हालांकि रांची में बर्ड फ्लू की वजह से चिकन और अंडों की बिक्री बंद है लेकिन चखने का असर जाम पर नहीं पड़ा. झारखंड में होली के मौके पर रांची शराब की बिक्री के मामले में नंबर-1 रहा. जमशेदपुर पिछड़ गया लेकिन धनबाद और हजारीबाग भी कम नहीं रहे. होली के मौके पर शराब की बिक्री में धनबाद दूसरे नंबर पर रहा तो हजारीबाग तीसरे नंबर पर. 


होली के मौके पर रिकार्ड तोड़ शराब बिक्री के बाद उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने मार्च महीने में ही 350 करोड़ रुपये की शराब बेच देने का टारगेट रख दिया है. मार्च महीना खत्म होने के साथ ही वित्तीय वर्ष समाप्त हो जायेगा. वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले झारखंड का उत्पाद एवं मद्य निषेद विभाग मोटी कमाई कर लेने की उम्मीद में है. झारखंड सरकार ने अगले साल शराब की बिक्री से साढ़े तीन हजार करोड़ रूपये की टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा है.