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1st Bihar Published by: Updated Tue, 04 Oct 2022 02:21:51 PM IST
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PATNA : बिहार में निकाय चुनाव पर हाई कोर्ट की रोक के बाद राजनीतिक गलियारे में खलबली मच गई है। सत्ताधारी दल जेडीयू ने हाई कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे केंद्र सरकार और बीजेपी की साजिश का हिस्सा करार दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार एक सोची समझी रणनीति के तहत जातियों की गणना नहीं करा रही है जिसका परिणाम है कि आज हाई कोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दिया।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि बिहार में निकाय चुनाव पर रोक लगाने का पटना हाईकोर्ट का फैसला काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। निकाय चुनाव पर रोक केंद्र सरकार और बीजेपी की गहरी साजिश का परिणाम है। पंचायती राज व्यवस्था और नगर निकायों में जो आरक्षण मिला है, या जिसे देने की बात चल रही है उस पर कोर्ट ने कहा था कि इसे तीन तरह से जांचने के बाद ही आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन तरह से जांच करने का मतलब है कि जातियों की गिनती का आंकड़ा तत्काल अनिवार्य है लेकिन केंद्र की सरकार जातियों की गिनती नहीं करा रही है। केंद्र सरकार की तरफ से अगर समय पर जातियों की गिनती करा ली गई होती तो आज यह स्थिति नहीं आती। केंद्र सरकार और बीजेपी दलित और पिछड़ों का आरक्षण समाप्त करना चाहती है, उसी का यह परिणाम है।
बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने राज्य में चल रहे निकाय चुनाव पर रोक लगा दिया है। पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि बिहार सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछड़ों को आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। हाईकोर्ट ने सबसे ज्यादा नाराजगी राज्य निर्वाचन आयोग पर जतायी है। राज्य निर्वाचन आयोग ही नगर निकाय चुनाव करा रहा है। हाईकोर्ट ने कहा है कि बिहार का राज्य निर्वाचन आयोग अपने संवैधानिक जिम्मेवारी का पालन करने में विफल रहा। हाईकोर्ट की बेंच ने कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जो आदेश दिया था, उसका बिहार में पालन नहीं किया गया।