PATNA: इस वक्त की बड़ी खबर बिहार के सियासी गलियारे से निकलकर सामने आ रही है। बीजेपी एमएलसी हरि सहनी बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता होंगे। सम्राट चौधरी के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यह बदलाव किया गया है। खुद बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस बात की जानकारी दी है।
दरअसल, जेडीयू के एनडीए से अलग होने के बाद पिछले साल अगस्त महीने में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी थी। सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी सरकार से बाहर हो गई और विपक्ष की भूमिका में आ गई थी। उस वक्त बीजेपी ने पूर्व स्पीकर विजय कुमार सिन्हा को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया था जबकि सम्राट चौधरी को विधान परिषद में नेता विरोधी दल की जिम्मेदारी सौंपी थी।
सम्राट चौधरी ने विधान परिषद में नेता विरोधी दल रहते हुए अपनी भूमिका बखूबी निभाई और सदन के भीतर और बाहर जनता के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया। सड़क से सदन तक सम्राट चौधरी ने नीतीश-तेजस्वी की सरकार को घेरने का काम किया लेकिन इसी बीच बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का कार्यकाल खत्म होने के बाद उनकी जगह सम्राट को बिहार बीजेपी की कमान सौंप दी गई।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ साथ विधान परिषद में विरोधी दल के नेता की जिम्मेवारी भी सम्राट चौधरी संभाल रहे थे लेकिन अब बीजेपी एमएलसी हरि सहनी को बीजेपी ने विधान परिषद में विरोधी दल का नेता बना दिया है। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा की मौजूदगी में खुद बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इसका औपचारिक एलान किया और हरि मांझी का नेता विरोधी दल के रूप में स्वागत किया।
बता दें कि दरभंगा से भाजपा के एमएलसी अर्जुन सहनी का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछले साथ बीजेपी ने दरभंगा सीट से हरि सहनी को एमएलसी बनाया था। हरि सहनी करीब तीन दशक के दौरान संगठन में कई पदों पर काम कर चुके हैं। हरि सहनी दरंभगा के जिला परिषद अध्यक्ष रह चुके है। संगठन में दो-दो बार दरभंगा के जिले के जिलाध्यक्ष और 2015 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर बहादुरपुर से चुनाव लड़ चुके हैं। एमएलसी बनने के बाद अब पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेवारी सौंपी है।