हिंदू धर्म और देवी देवता के अपमान का भुगतना पड़ेगा खामियाजा! गिरिराज ने लालू-नीतीश को चेताया

हिंदू धर्म और देवी देवता के अपमान का भुगतना पड़ेगा खामियाजा! गिरिराज ने लालू-नीतीश को चेताया

PATNA: डेहरी के आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने मां दुर्गा को लेकर विवादित बयान देकर बिहार की सियासत को गर्म कर दिया है। आरजेडी विधायक द्वारा मां दुर्गा को काल्पनिक बताने और उनके अस्तित्व पर सवाल उठाने को लेकर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है। बेगूसराय के बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर हिंदू धर्म और उसके देवी-देवता के ऊपर इस तरह की बयानबाजी बंद नहीं हुई तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।


गिरिराज सिंह ने कहा है कि नीतीश और लालू की सरकार सनातन धर्म को अपमानित करने का बीड़ा उठा लिया है। जिस तरह से आरजेडी के विधायक ने मां दुर्गा के बारे में अपत्तिजनकर बयान दिया, ठीक उसी तरह से इनके मंत्री ने भी रामचरितमानस को अपमानित किया था। ये लोग ऐसा करके हिंदुओं के धैर्य को बार-बार चैलेंज कर रहे हैं। आरजेडी का मंत्री रामायण को अपमानित करता है, पूरे विश्व में साधना की प्रतीक मां दुर्गा को लेकर आरजेडी का विधायक अपमानजनक टिप्पणी कर रहा है।


गिरिराज ने कहा है कि अगर हिम्मत है तो मुसलमानों के कुरान और उनके मोहम्मद साहब के बार में कोई टिप्पणी करके देख लें सिर तन से जुदा हो जाएगा। ये लोग कमजोर और पापड़फोड़ पहलवान हैं। गिरिराज सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह से बार बार हिंदू धर्म और उनके देवी देवताओं का अपमान करना बंद करें नहीं तो आने वाले समय में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।


बता दें कि  डेहरी के आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने देवी दुर्गा को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। विधायक ने मां दुर्गा को काल्पनिक बताते हुए कहा था कि, देवी दुर्गा का कहीं कोई अस्तित्व नहीं है। यह मनगढ़ंत कहानी है। उन्होंने खुद को महिषासुर का वंशज बताया और कहा था कि दुर्गा का कहानी मनगढ़ंत है इसमें कोई सच नहीं है।


विधायक इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि अगर देवी दुर्गा का अस्तित्व था तो ब्रिटिश हुकूमत के समय उन्होंने क्यों नहीं आकर भारत को बचा लिया। अगर वह तीनों लोक की देवी थी तो क्या भारत में उस तीनों लोक में नहीं है। उन्होंने दुर्गा पूजा जैसे आयोजन को फिजूल खर्ची बताया और कहा कि बाल्मीकि रामायण के अनुसार गौतम बुद्ध पहले आए तथा राम बाद में आए। उन्होंने देवी दुर्गा तथा भगवान शिव के संबंध पर भी आपत्ति दर्ज की थी।