कोरोना का असर : घरों में कैद हो गये हैं बिहार के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, फोन पर चल रही सरकार

कोरोना का असर : घरों में कैद हो गये हैं बिहार के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, फोन पर चल रही सरकार

PATNA : कोरोना वायरस के कहर से खुद को बचाने के लिए बिहार सरकार के ज्यादातर मंत्रियों ने खुद को घरों में कैद कर लिया है. ज्यादातर सरकारी फाइलें रूकी हुई हैं. बिहार के मुख्यमंत्री से लेकर दूसरे मंत्री अपने घर में कैद हो गये हैं. फोन  पर ही बिहार सरकार चल रही है.


मुख्यमंत्री ने मुलाकात बंद की
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुलाकातों का दौर बंद कर दिया है. वे सिर्फ कोरोना से संबंधित मीटिंग ही कर रहे हैं. वो भी सीएम आवास में ही हो रही है. सीएम आवास में एंट्री लेने वाले हर कर्मचारी से लेकर अधिकारी के लिए पहले खुद को सेनेटाइज करना जरूरी कर दिया गया है. सर्दी-खांसी या बुखार जैसे लक्षण वाले किसी कर्मचारी या अधिकारी को एंट्री की अनुमति नहीं है. सीएम आवास के सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार ने मुलाकात का सिलसिला बंद कर दिया है. अगर किसी को कोई बहुत जरूरी बात करनी हो तो फोन पर बात हो रही है.


सरकार के दूसरे मंत्री भी एकांतवास पर
बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि कोरोना की वजह से दिनचर्या में तो निश्चित रूप से बदलाव आया है. नंदकिशोर यादव ने लोगों से बुके लेना बंद कर दिया है. बैठक कम कर दी है. वैसे तो घर में ही रहते हैं लेकिन अगर एक बार दफ्तर आ गए तो निकलते नहीं हैं. सिर्फ बेहद करीबी लोगों से मुलाकात हो रही है और मिलने आने वाले लोगों को सेनेटाइजर लगवा रहे हैं.


वाट्सएप से विभाग चला रहे हैं संजय झा
उधर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि दिनचर्या इस तरह से बदली है कि हमने 80 फीसदी मामले में लोगों को कह दिया जा रहा है कि उन्हें पटना आने की जरूरत नहीं.  कोई काम है तो वाट्सएप पर उसकी जानकारी दें. जरूरी मामलों में फोन से बात कर फैसला लिया जा रहा है. जल संसाधन विभाग में बैठक को लेकर भी सावधानी बरती जा रही है. बाढ़ प्रबंधन को लेकर बैठक थी तो मुख्य अभियंता तक को नहीं बुलाया गया.


घर से ही काम कर रहे बिजेंद्र प्रसाद यादव और श्याम रजक
उद्योग मंत्री श्याम रजक और ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव घर के दफ्तर से ही जरूरी फाइल निबटा रहे हैं. दोनों ने विभाग को निर्देश दे रखा है कि अगर बहुत जरूरी बैठक नहीं हो तो उसे टाल दिया जाये. उद्योग मंत्री और ऊर्जा मंत्री के घर पर मिलने जुलने वालों की संख्या को भी बहुत सीमित कर दिया गया है. बेहद करीबी लोगों को ही मंत्री आवास में जाने की इजाजत दी जा रही है.


अशोक चौधरी को लोगों को मना करने में परेशानी
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी कह रहे हैं कि लोगों को मना करने में भी परेशानी हो रही है. हालांकि सब को ये कहा जा रहा है कि मिल कर बात करने के बजाय अगर फोन पर ही काम बता दें तो बेहतर होगा. अशोक चौधरी खुद के साथ साथ मिलने आ रहे लोगों को भी सेनेटाइज कर रहे हैं.


एक ही आदमी से मिल रहे कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार
वहीं कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार के मुताबिक सरकार की एडवाइजरी को देखते हुए उन्होंने अपना रूटीन चेंज कर दिया है. दफ्तर जा रहे हैं लेकिन एक बार में सिर्फ एक ही व्यक्ति से मिल रहे हैं. वो भी पर्याप्त दूरी बनाकर. मीटिंग में भी दो-तीन लोगों से ज्यादा को नहीं बुलाया जा रहा है.


शिक्षा मंत्री ने सारी बैठकें रद्द की
शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि उन्होंने सारी बैठकें रद्द कर दी है. बैठक नहीं है इसलिए बाहर निकलना भी बेहद कम हो रहा है. हालांकि शिक्षा मंत्री ये भी कह रहे हैं कि वे ऑफिस जा रहे हैं. सावधानी बरत रहे हैं लेकिन काम करना बंद नहीं किया है.