गंगा नदी में शवों के बहने पर मानवाधिकार आयोग सख्त, बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा नोटिस, चार हफ्तों में मांगा जवाब

गंगा नदी में शवों के बहने पर मानवाधिकार आयोग सख्त, बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा नोटिस, चार हफ्तों में मांगा जवाब

PATNA: गंगा नदी में 100 से ज्यादा शवों के बरामद होने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आय़ोग सख्त हो गया है. आयोग ने बिहार औऱ उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. पूछा है नदी में शव कहां से आये. आयोग ने भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय को भी नोटिस भेजा है. सभी को चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा गया है. 


गौरतलब है कि बिहार के बक्सर जिले में गंगा नदी में तैरते हुए 71 शव बरामद किये गये थे. वहीं उत्तर प्रदेश बलिया और गाजीपुर में भी करीब 100 शव नदी में मिले हैं. गंगा नदी में तैरते शवों का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है. यूपी में पुलिस ने जेसीबी के सहारे शवों को नदी से बाहर निकाला है औऱ फिर उन्हें जमीन में दफनाया है.


इससे पहले बिहार के बक्सर में 71 शवों की बरामदी के बाद बिहार सरकार ने उत्तर प्रदेश से शवों के बिहार आने का आरोप लगाया था. बिहार सरकार ने शवों का पोस्टमार्टम करा कर उनका अंतिम संस्कार किया. बिहार सरकार ने सीधे तौर पर कहा कि यूपी से शवों को गंगा नदी में प्रवाहित किया जा रहा है. बिहार सरकार के अधिकारियो ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों से बात कर उनसे इस पर रोक लगाने को भी कहा है.


बिहार ने लगा दिया है महाजाल
उधर गंगा नदी में शवों के बहकर आने से रोकने के लिए बिहार सरकार ने उत्तर प्रदेश की सीमा के पास नदी में महाजाल लगा दिया है. बिहार सरकार के महाजाल लगाने के बाद करीब दस शव उसमें फंसकर रूके हैं. बिहार सरकार ने नदी में लगातार पेट्रोलिंग करा रही है जिससे कि उत्तर प्रदेश से नदी में शव बहकर बिहार की सीमा में नहीं आयें.


इन वाकयों से नाराज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार औऱ उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस दिया है. आयोग ने कहा है कि गंगा नदी में शवों को प्रवाहित करना अमानवीय है औऱ स्वच्छ गंगा अभियान के खिलाफ है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राज्य सरकारें अपना काम सही से नहीं कर पा रही हैं.