PATNA: पिछले एक महीने से बिहार में सांतवे चरण की शिक्षक नियुक्ति की नियमावली पास कराने की घोषणा कर रहे शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का दावा फिर से गलत साबित हुआ. सोमवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई लेकिन उसमें शिक्षक नियोजन की नियमावली पारित नहीं हुई. कैबिनेट में ये एजेंडा ही नहीं था. राज्य कैबिनेट ने सूबे में कनीय अभियंताओं की नियुक्ति का फार्मूला तय कर दिया. इसके साथ ही दरभंगा में एम्स की स्थापना समेत कई और फैसले लिये गये।
बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पिछले एक महीने से लगातार ये दावा करते रहे हैं कि सांतवे चरण की शिक्षक नियुक्ति की नियमावली तैयार हो गयी है और वह कैबिनेट से पास हो जायेगा. करीब दो सप्ताह पहले तो उन्होंने ये भी दावा कर दिया कि उन्होंने नयी नियमावली पर साइन कर दिया है और वह कैबिनेट में चली गयी है. लेकिन पिछले सप्ताह नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि ऐसी कोई नियमावली कैबिनेट में आयी नहीं है और उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है. नीतीश ने शिक्षा मंत्री को भी अपने बड़बोलेपन पर ब्रेक लगाने की सलाह दी थी।
आज यानि 6 मार्च को कैबिनेट की बैठक में शिक्षक नियुक्ति की नियमावली पास होने की चर्चा थी लेकिन ये गलत साबित हुई. आज कैबिनेट की बैठक में ऐसा कोई एजेंडा पास नहीं हुआ. कैबिनेट की बैठक में कई दूसरे अहम एजेंडों पर मुहर लगायी गयी. कैबिनेट ने 16 एजेंडों को मंजूरी दी।
कनीय अभियंता की नियुक्ति के लिए नयी नियमावली
बिहार सरकार ने सूबे में कनीय अभियंताओं की नियुक्ति के लिए नयी नियमावली को पास कर दिया. इसमें बिहार से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले को प्राथमिकता देने का फैसला लिया गया. बिहार के सरकारी और निजी पॉलिटेकनिक कॉलेज से डिप्लोमा करने वाले छात्र-छात्राओं को कनीय अभियंताओं की नियुक्ति में 40 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा. वहीं, कांट्रेक्ट पर पहले से काम कर रहे कनीय अभियंताओं को स्थायी नियुक्ति में 25 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा. बता दें कि पहले हो रहे कनीय अभियंताओं की नियुक्ति को पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था।
दरभंगा में एम्स को मंजूरी
कैबिनेट की बैठक में दरभंगा के बहादुरपुर में नये एम्स के निर्माण की मंजूरी दी गयी. बिहार सरकार ने इसके लिए जमीन का आवंटन कर दिया. वहीं, बक्सर और समस्तीपुर में खनिज संपदा निकालने के लिए राज्य सरकार ने लीज पर जमीन देने का भी फैसला लिया है. इसके अलावा छपरा में पावर ग्रिड बनाने के लिए जमीन का आवंटन किया गया है।