Bihar Election 2025: बिहार चुनाव को लेकर BJP का बड़ा प्लान हुआ लिक,जानिए क्या है ख़ास; इस सीट से क्यों नहीं मैदान में उतरे कैंडिडेट Lucknow Agra Expressway : लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे बस दुर्घटना: दिल्ली से मुजफ्फरपुर आ रही बस पलटी, कांटी के 4 लोग सहित 11 घायल Bihar Politics: 'झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार…', छठ महापर्व पर लालू यादव ने एनडीए सरकार पर साधा तंज, इस मुद्दे को लेकर पूछा सवाल Bihar Assembly elections : पवन सिंह को लेकर सामने आया बड़ा सच,जानिए क्यों नहीं लड़ रहे विधानसभा का चुनाव; इस तरीके से पहुंचेंगे मोदी और शाह के पास Bihar politics : खगड़िया में तेजस्वी यादव की जनसभा रद्द, प्रशासन ने अनुमति नहीं दी; जानिए क्या रही वजह Chhath Puja Special Trains: रांची-बिहार के बीच कई स्पेशल ट्रेनों का परिचालन, यात्रियों को बड़ी राहत Bihar Election 2025 : जीपीएस से लैस फ्लाइंग स्क्वाड टीमों से आयोग करवा रही निगरानी, पुलिस अलर्ट मोड में; जानिए क्या है पूरा प्लान Bihar Mausam: खरना के बाद बिहार के इन जिलों में बारिश का अलर्ट, 5 दिनों तक झेलनी होगी मौसम की दोहरी मार Chhath Puja : भगवान भास्कर की आराधना का महापर्व छठ आज से, नहाय-खाय के साथ शुरू होगा चार दिवसीय अनुष्ठान Bihar Election 2025 : अल्लाबरू ने पूरी तरह से डुबो दी कांग्रेस की लुटिया ! 3 महीने सर्वे के बाद भी तेजस्वी से नहीं ले पाए मजबूत सीट; दो सीटिंग भी छोड़नी पड़ी
1st Bihar Published by: Updated Thu, 17 Sep 2020 11:00:16 AM IST
- फ़ोटो
DESK : अब देश भर में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के लिए जल्द नियम बनाने की मांग उठ रही है. एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम पर उठी आपत्ति के बाद देश की मेन स्ट्रीम मीडिया यानि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर अंकुश लगाने की सुनवाई के बीच अब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनाम दाखिल किया है.
सरकार के तरफ से जारी किए गए हलफनामे में कहा गया है कि मेन स्ट्रीम मीडिया से पहले डिजिटल मीडिया के लिए रेगुलेशन बनाने की जरूरत है, क्योंकि डिजिटल मीडिया का असर मेन स्ट्रीम मीडिया से ज्यादा व्यापक है.
केंद्र सरकार ने सुप्रिम कोर्ट में 'दाखिल की गई याचिका में सिर्फ एक चैनल के नाम का जिक्र है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को मीडिया के लिए दिशा-निर्देश जारी करने से लिए एमिकस क्यूरी या समिति के गठन की कवायद नहीं करनी चाहिए. डिजिटल मीडिया के गंभीर प्रभाव और क्षमता को देखते हुए, अगर सुप्रीम कोर्ट कोई रेगुलेशन लाना चाहता है तो इसे पहले डिजिटल मीडिया के संबंध में किया जाना चाहिए, क्योंकि पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया को लेकर पर्याप्त गाइलडलाइंस और न्यायिक घोषणाएं मौजूद हैं.'
केंद्र की तरफ से कहा गया कि 'मेन स्ट्रीम मीडिया यानि टीवी न्यूज चैनल्स, इनका टेलीकास्ट सिर्फ एक बार का काम है. लेकिन डिजिटल मीडिया की पहुंच बहुत व्यापक और तेज है. इसको पढ़ने वाले और देखने वाले कहीं ज्यादा है. WhatsApp, Twitter, Facebook के जरिए कोई भी सूचना तेजी से वायरल हो जाती है.'
सरकार ने कोर्ट में कहा कि 'बोलने की आजादी और जिम्मेदार पत्रकारिता के संतुलन का क्षेत्र पहले से ही वैधानिक प्रावधानों और पिछले निर्णयों से संचालित होता है.'