दूसरों को कोसना बंद करे लालू परिवार, विजय सिन्हा बोले- जनता को बताएं कहां से आई इतनी संपत्ति

दूसरों को कोसना बंद करे लालू परिवार, विजय सिन्हा बोले- जनता को बताएं कहां से आई इतनी संपत्ति

PATNA: रेलवे में नौकरी के बदले जमीन रजिस्ट्री कराने के मामले में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार पर सीबीआई और ईडी की दबिश को लेकर बिहार की सियासत गरमा गई है। आरजेडी के साथ साथ महागठबंधन के तमाम नेता यह आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं का गलत इस्तेमाल कर रही है। RJD द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने जोरदार हमला बोला है। विजय सिन्हा ने कहा है कि अगर उनके पास इसका कोई सबूत है तो वे कोर्ट में जाकर पेश करें सिर्फ बयानबाजी करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि जनता को झांसा देने के बजाय लालू प्रसाद और उनके परिवार को यह बताना चाहिए कि इतनी संपत्ति के मालिक कैसे बन गए।


विजय सिन्हा ने कहा कि सीबीआई, ईडी और आयकर की कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों की जमात में जो बौखलाहट है। प्रधानमंत्री ने जब लालकिला से यह एलान किया था कि भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र बनाएंगे तो इन भ्रष्टाचारियों को सचेत हो जाना चाहिए था। भ्रष्टाचार और तानाशाह के कारण कांग्रेस को सभी ने साथ मिलकर देश की सत्ता से हटाने का काम किया था। आज जो लोग देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए। अगर बीजेपी के लोगों के के खिलाफ कोई सबूत है तो भ्रष्टाचारी कोर्ट में जाने के लिए स्वतंत्र हैं। 


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश की संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाने का अधिकार किसी को नहीं है, अगर किसी को आपत्ति है तो वह कोर्ट में जाकर इनके खिलाफ सबूत पेश करे, जो दोषी साबित होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। देश भ्रष्टाचार की महामारी से कैसे मुक्त हो इसपर गंभीरता से विचार होना चाहिए। जिन लोगों के खिलाफ मामले चल रहे हैं उनके खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाकर उनके राजनीतिक भविष्य का भी निर्धारण होना चाहिए। जनता को चाहिए कि ऐसे लोगों को राजनीति से मुक्त करे क्योंकि विकास की बड़ी राशी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है।


वहीं महागठबंधन की तरफ से केंद्र सरकार और बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग का आरोप लगाने पर विजय कुमार सिन्हा ने ट्वीट कर लिखा है कि, केन्द्रीय जांच एजेंसियों को कोसने, केन्द्र की सरकार पर राजनीतिक विद्वेष से कार्रवाई करने का आरोप लगाने व जनता को झांसा देने के बजाय लालू प्रसाद व उनके परिवार को यह बताना चाहिए कि तीन दशकों के दौरान 141 भूखंड के अतिरिक्त 30 फ्लैट व आधे दर्जन मकानों के मालिक कैसे बन गए?