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MUZAFFARPUR: बिहार में स्वास्थ व्यवस्था का हाल किसी से छिपा हुआ नहीं है। पिछले दिनों पटना एम्स में मरीज के ऑपरेशन के बाद रुई शरीर के अंदर छोड़ दिया गया था। अब ताजा मामला मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल का है, जहां इमरजेंसी में मंगलवार की रात एक मरीज ने अपना दम तोड़ दिया। मृतक की पहचान सिकंदरपुर धोबी घाट के रहने वाले अरविंद रजक के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि उनकी मौत की खबर सुनते ही परिजन और मोहल्ले के कई लोग अस्पताल पहुंच गये और डॉक्टरों और कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
बताया जा रहा है कि घटना के बाद हॉस्पिटल में अफरातफरी मच गई। आक्रोशित लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की कोशिश भी की। सूचना पाकर पुलिस भी हॉस्पिटल पहुंच गई और बड़ी मशक्कत के बाद मामले पर काबू पाया। काफ़ी देर तक मृतक की लाश हॉस्पिटल में पड़ी रही। प्रभारी थानेदार ओमप्रकाश ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। इसके लिए परिजनों का बयान भी दर्ज कराया गया है।
मृतक के परिजनों का कहना है कि अरविंद काफी दर्द में था। उस दौरान हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं थे। हम डॉक्टर का इंतजार कर रहे थे। एक घंटे बीत जाने के बाद भी वहीं कोई डॉक्टर नहीं पहुंचे। अरविंद की हालत गंभीर होती जा रही थी। दर्द से कराहते हुए ही अरविंद ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों में जमकर आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं मृतक की पत्नी और बच्चों में चीख पुकार मच गया है। अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार के मुताबिक मरीज की मौत हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही हो गई थी। इस दौरान किसी डॉक्टर को ड्यूटी पर नहीं लगाया गया था।
इधर, मृतक के भाई बबलू रजक ने बताया कि उसका भाई यानी मृतक एक मजदूर था। खाना खाने के बाद अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। उनके मुंह से खून गिरने लगा। भागे भागे परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन वहां कोई डॉक्टर उसे देखने के लिए नहीं पहुंचा और इसी दौरान अरविंद की मौत हो गई। फिलहाल पुलिस हर अगले से मामले की जांच कर रहीं है।