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दिल्ली में वित्त मंत्री की बैठक, सुशील मोदी बोले - जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेश हो 'पर्यावरण बजट'

1st Bihar Published by: Updated Wed, 18 Dec 2019 04:28:22 PM IST

दिल्ली में वित्त मंत्री की बैठक, सुशील मोदी बोले - जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेश हो 'पर्यावरण बजट'

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PATNA : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ दिल्ली में राज्यों के वित्त मंत्रियों की बजट पूर्व सुझाव के लिए आयोजित बैठक में बिहार के डिप्टी सीएम सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केंद्र से जलवायु परिवर्तन की वजह से बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्यों के कृषि व स्वास्थ्य पर हो रहे प्रभाव के अध्ययन हेतु राष्ट्रीय स्तर का शोध संस्थान बनाने व उससे मुकाबले के लिए पर्यावरण बजट पेश करने का सुझाव दिया है। जिसमें प्रत्येक विभागों की ओर से जलवायु परिवर्तन के असर से निबटने हेतु खर्च के प्रावधान और कार्बन फुट प्रिंट को कम करने के लिए किए गये प्रयासों का समावेश हो।

डिप्टी सीएम ने बिहार सरकार की ओर से जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अगले 3 साल में तालाब, पोखर, आहर, पाईन आदि जल स्रोतों को पुर्नजीवित करने पर किए जा रहे 13 हजार करोड़ रुपये के खर्च के लिए केंद्र से योजना बना कर मदद करने तथा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के समान बिहार को भी पुआल जलाने से किसानों को रोकने के लिए सहायता की मांग की।

सुशील मोदी ने विधवा, वृद्ध व दिव्यांग पेंशन योजना में केंद्रीय अंशदान की राशि बढ़ाने, राज्य के सभी 45 लाख वृद्धों को दी जा रही पेंशन की राशि वहन करने, 40 वर्ष से अधिक उम्र की जगह सभी उम्र की विधवाओं को पेंशन देने व पेंशन के लिए 80 प्रतिशत दिव्यांगता की सीमा को घटा कर 40 प्रतिशत करने तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा, जीवन ज्योति बीमा और अटल पेंशन योजना को फिर से पुनर्गठित करने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने जीविका समूह की 22 लाख महिलाओं के दुर्घटना बीमा के प्रीमियम की आधी राशि राज्य सरकार द्वारा जमा कराये जाने के बावजूद केंद्र द्वारा एलआईसी के माध्यम से शेष आधी राशि नहीं जमा कराने की वजह से उन्हें दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया।

इसके अलावा डिप्टी ने स्वयं सहायता समूह की सभी महिलाओं को बैंकों द्वारा 10 हजार रुपये का ओवरड्राफ्ट देने, सभी समूहों को 7 फीसदी ब्याज पर कर्ज और समय पर कर्ज चुकाने वालों को 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान देने,ग्रामीण क्षेत्र में बैंक शाखाओं के साथ एटीएम खोलना अनिवार्य करने, मध्याह्न भोजन योजना के रसोइए का मानदेय बढ़ा कर 3 हजार करने और नामामि गंगे परियोजना में शामिल राज्य के 17 शहरों के अलावा किसी भी नदी के किनारे बसे अन्य सभी शहरों के लिए भी सिवरेज व एसटीपी परियोजना स्वीकृत करने की मांग की।