PATNA : बिहार में रामचरितमानस को लेकर उठा विवाद थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। एक तरफ शिक्षा मंत्री ग्रंथ लेकर सदन पहुंच रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री सदन में जवाब देने के लिए खड़ा होते ही बिहार के विपक्ष में बैठी पार्टी कार्यवाही का विरोध कर वॉक आउट कर दिया जाता है। इतना ही नहीं उनके ही सरकार में सहयोगी पार्टी के तरफ से भी यह कहा जाता है कि सदन इन बातों पर चर्चा को लेकर नहीं संचालित हो रही है। इस बीच अब इस मामले को लेकर जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने एक बार फिर से प्रतिक्रिया जाहिर की है।
जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि, सदन लोकतंत्र का मंदिर होता है। इसके अंदर हम शपथ लेते हैं कि,हमलोग जाती और धर्म से उठकर काम करेंगे। लेकिन, इसके बाद जब हम बाहर निलकते हैं और किसी जातीय सम्मेलन और धार्मिक सम्मलेन में हिस्सा लेते हैं तो कई ऐसे बातें आती है जिसे नहीं उठाना चाहिए। ऐसे सवाल महज एक दिमागी जहर होता है जिसे तुरंत दूर कर देना चाहिए।
इसके आगे नीरज कुमार ने कहा कि शिक्षा मंत्री क्या कहना चाहते हैं वह मैं नहीं समझता। लेकिन हम आज इतना ही कहेंगे कि यह देश संविधान से चलता है कोई रामचरितमानस, कुरान शरीफ, या बाइबल से नहीं। इसलिए इसको उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत कर कोई तर्क- वितर्क करें तो यह उचित नहीं हो सकता।
इधर, तेजस्वी के तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में दायर किए गए याचिका पर नीरज कुमार ने कहा कि अगर हम पर कोई आरोप लगा है तो हमें अधिकार है न्यायालय में जाने का इसमें कौन सी बड़ी बात है। वो अपने अधिकार के तहत काम कर रहे हैं,इसलिए इस बारे में कुछ भी बोलना उचित नहीं है।