दिल्ली AIIMS से इस वक्त की बड़ी खबर, नहीं रहीं स्वर कोकिला शारदा सिन्हा

दिल्ली AIIMS से इस वक्त की बड़ी खबर, नहीं रहीं स्वर कोकिला शारदा सिन्हा

DELHI: दिल्ली एम्स से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है। स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। प्रसिद्ध लोक गायिका पद्म भूषण शारदा सिन्हा दिल्ली एम्स में भर्ती थी। सोमवार की शाम को उनकी हालत गंभीर हो गयी थी जिसके बाद से उन्हें एम्स में वेंटिलेटर पर रखा गया था। 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में उन्होंने अंतिम सांसें ली। लोक आस्‍था के महापर्व छठ पूजा के 'नहाय खाय' के दिन स्वर कोकिला जिन्दगी की जंग हार गई। 


सोमवार को ही उनके बेटे अंशुमन सिन्‍हा ने शारदा सिन्हा का नया छठ गीत 'दुखवा मिटाईं छठी मईया' रिलीज किया था। जिसके बाद से देशभर में लोग छठी मईया से  शारदा सिन्हा के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे। लेकिन नहाय खाय के दिन जब यह खबर सामने आई की स्वर कोकिला अब हमारे बीच नहीं रहीं तो देशभर में मायूसी छा गयी। शारदा सिन्हा के गीतों के बिना छठ महापर्व अधूरा है। 


लोक आस्था का महापर्व छठ पर जहां चारों ओर शारदा सिन्हा के गीत बज रहे है वही इस खबर के आने के बाद लोग गहरे सदमें में है। पहले तो इस खबर पर किसी को विश्वास नहीं हो रहा था लोग इसे अफवाह मान रहे थे क्यों कि पिछले एक दो दिन से उनके निधन की खबर सोशल मीडिया पर सामने आ रही थी। लेकिन आज उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांसे ली। शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रही।


 1 अक्‍टूबर 1952 को बिहार के सुपौल में जन्‍मीं शारदा सिन्‍हा ब्‍लड कैंसर से जूझ रही थी। शारदा सिन्‍हा का ससुराल बेगूसराय जिले में हैं। शारदा सिन्‍हा ने अपनी गाय‍िकी की शुरुआत मैथ‍िली लोकगीतों से की थी। उन्‍होंने भोजपुरी, मगही और हिंदी में भी कई गीत गाए। 


मंगलवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा से फोन पर बात कर शारदा सिन्हा के जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी। इसके अलावा उनके इलाज में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होने का भरोसा दिलाया था।


केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि छठ महापर्व को अपनी मधुर आवाज़ से सजाने वाली, हमारी संस्कृति की मर्मस्पर्शी गायिका, शारदा सिन्हा जी अब हमारे बीच नहीं रहीं। उनका योगदान हमारी लोक संस्कृति के लिए अमूल्य है, उनकी आवाज़ हर आस्था और हर पर्व में सजीव रहेगी। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस कठिन समय में सहनशक्ति प्रदान करे। शारदा जी, आपकी यादें और गीत हमारे दिलों में हमेशा रहेंगे। श्रद्धांजलि