DARBHANGA : बिहार में कोरोना काफी भयानक रूप लेता जा रहा है. इसी क्रम में दरभंगा से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बाद से पूरे जिले में खलबली मच गई है. दरअसल, बहादुरपुर देकुली पंचायत के देकुली गांव में एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत के बाद सदमे में उनके पुत्र ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
परिजनों के अनुसार, कोरोना के लक्षण दिखने पर बुजुर्ग की 19 अप्रैल को पीएचसी में जांच के लिए सैंपल दिया गया था. इसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. बुखार से पीड़ित व्यक्ति घर पर ही रह कर ग्रामीण चिकित्सक से इलाज करा रहे थे. इसी बीच उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई जिसके बाद उनके बेटे ने पीएचसी को एंबुलेंस के लिए फोन किया. एंबुलेंस तो पहुंची लेकिन चालक ने यह कहते हुए मरीज को ले जाने से इंकार कर दिया कि वह कोरोना संक्रमित व्यक्ति को नहीं ले जाएगा. इसके लिए जिले में अलग से एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. एंबुलेंस ड्राइवर एम्बुलेंस लेकर लौट गया.
करीब आधे घंटे बाद ही बुजुर्ग की मौत हो गई जिसके बाद लोगों ने उनके पुत्र राम कुमार झा को कहा कि उनके मृत शरीर को सैनेटाइज करने की व्यवस्था करें. उसके बाद उनका दाह संस्कार किया जाएगा. राम कुमार बाजार जाने के बदले घर गया और वहां उसने पंखे से लटककर अपनी जान दे दी. लोगों उसे बहादुरपुर पीएचसी लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की और उसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया. युवक की मौत होते ही लोग आक्रोशित हो उठे.
वहीं, देकुली गांव में एक पिता और एक पुत्र की मौत के बाद से सन्नाटा छाया हुआ है. लोगों का कहना है कि अगर स्वास्थ्यकर्मियों को लगा कि या कोरोना से ग्रसित है तो दाह संस्कार के लिए पीपीई आदि की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की जानी चाहिए थी लेकिन किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई. इसलिए लोगों ने ही पिता-पुत्र का दाह संस्कार किया.
इधर मामले की जानकारी जब डीएम तक पहुंची तो डीएम ने कहा कि रोगी होम आइसोलेशन में नहीं थे, ना ही कोई पॉजिटिव की रिपोर्ट ही आई थी. एंबुलेंस पहुंचा था लेकिन कोरोना से मौत की अफवाह में वापस लौट गया. इसे लेकर पीएससी के हेल्थ मैनेजर को वहां से हटाया जा रहा है. एंबुलेंस के भुगतान रोक दिया गया है.