'दंगा' से तौबा करेगी बिहार पुलिस, केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजने की तैयारी

'दंगा' से तौबा करेगी बिहार पुलिस, केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजने की तैयारी

PATNA : बिहार पुलिस अब 'दंगा' से तौबा करने जा रही है। जी हां, बिहार से 'दंगा' शब्द को हटाने की तैयारी है। पुलिस 'दंगा' जैसी शब्द को दूसरे रूप में नामांकित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में है। बिहार पुलिस के इस प्रस्ताव को राज्य के गृह विभाग ने अपनी सहमति दे दी है। बीते दिनों गृह विभाग की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने पुलिस और गृह विभाग से संबंधित कई प्वाइंट्स पर भी गाइडलाइन दिए हैं।


बिहार पुलिस के नियमों के मुताबिक अबतक पांच या उससे अधिक व्यक्ति अगर हथियार से लैस होकर मारपीट करते हैं तो यह दंगा की श्रेणी में आता है। यह सार्वजनिक जगह पर हो या किसी निजी स्थान पर दोनों ही सूरत में इसे दंगा कहा जाता है। इस परिस्थिति में आईपीसी की धारा 147, 148, 149 लगायी जाती है।



दरअसल बिहार पुलिस को परेशानी दंगा शब्द से है मारपीट भले ही छोटे समूह में हो लेकिन दंगा जैसे भारी-भरकम शब्द का इस्तेमाल करना पड़ता है। इतना ही नहीं ज्यादातर मामलों में लोग दंगा को सांप्रदायिक हिंसा भी समझ लेते हैं। शायद यही वजह है कि दंगा को दूसरे रूप में नामांकित करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने यह प्रस्ताव दिया है। गृह विभाग की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने इसके अलावा कई बिंदुओं पर कार्रवाई के आदेश दिए। साथ ही कुछ मामलों में रिपोर्ट भी तलब की है। बिहार सरकार की तरफ से भेजे जाने वाले इस प्रस्ताव पर केंद्रीय गृह मंत्रालय क्या फैसला लेता है इसका इंतजार होगा लेकिन अगर यह बदलाव हुआ तो 'दंगा' जैसे शब्द के इस्तेमाल में कमी आएगी।