1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 25 Oct 2024 08:01:47 AM IST
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DESK: दलित अत्याचार के 10 साल पुराने केस में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया है। यह पहला मौका है जब देश में किसी अदालत ने साहूहिक रूप से लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई होगी। 2014 के जातिगत हिंसा के मामले में कर्नाटक की एक कोर्ट ने 98 लोगों को एकसाथ उम्रकैद की सजा सुनाई है जबकि तीन अन्य दोषियों को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है।
दरअसल, गंगावटी तालुक के माराकुंबी में दलितों पर हमला करने और उनके साथ भेदभाव करने का मामला सामने आया था। दलितों के घरों को आग लगा दी गई थी जबकि दलितों के नाई की दुकान पर जाने से भी रोक लगा दिया गया था। राशन की दुकानों पर दलितों को सामान भी नहीं दिया जा रहा था।
29 अगस्त 2014 को दलितों पर अत्याचार की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस घटना के बाद तीन महीने तक माराकुंबी गांव में पुलिस बलों की तैनाती रही थी। इसके खिलाफ आंदोलन भी चलाए गए थे। मामला कोर्ट मे पहुंचा और 117 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया गया।
सुनवाई के दौरान चार्जशीट में शामिल 16 लोगों की मौत हो गई। मामले में जस्टिस चंद्रशेखर सी ने 101 लोगों को दोषी करार दिया था। इनमें से तीन लोगों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई जबकि 98 लोगों को कोर्ट ने उमक्रैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही साथ उनके ऊपर जुर्माना भी लगाया गया है।