कोरोना वैक्सिनेशन से जुड़ी बड़ी खबर, एक साल बाद लेनी पड़ सकती है बूस्टर डोज

कोरोना वैक्सिनेशन से जुड़ी बड़ी खबर, एक साल बाद लेनी पड़ सकती है बूस्टर डोज

PATNA : देश में कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के एक साल बाद अब बूस्टर डोज लेनी पड़ सकती है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दुनियाभर में लोगों को वैक्सीन की दो डोज दी जा रही है। लेकिन इसके बावजूद संक्रमण कई लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। 


एक रिसर्च के मुताबिक 40 फ़ीसदी लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीनेशन के बावजूद एंटीबॉडी डेवलप नहीं कर पा रहा। ऐसे में अब बूस्टर डोज की तकनीक सामने आ सकती है। दुनियां के शीर्ष महामारी वैज्ञानिकों में से एक एंथनी पाउची और फाइजर वैक्सिंग कंपनी के सीईओ ने यह जानकारी दी है। इन दोनों के मुताबिक भविष्य में लोगों को वैक्सीन की दो रोज लेने के 8 से 12 महीने बाद एक बूस्टर डोज के तौर पर तीसरी खुराक लेनी पड़ सकती है।


अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शन डिजीज के निदेशक के एंटनी पाउची के मुताबिक कोरोना वायरस के लिए बूस्टर डोज अहम होगी।लोग मास्क का इस्तेमाल दूसरी डोज के बाद कम करने लगते हैं लेकिन अगर आप बूस्टर डोज लेंगे तो फिर मास्क के बगैर आप बाहरी दुनियां में आराम से मूवमेंट कर सकते हैं।



वैक्सीन बनाने वाली फाइजर जैसी बड़ी कंपनी के सीईओ अल्बर्ट के मुताबिक दुनिया भर में जो डाटा इकट्ठा किया गया है। उससे यह साफ हो गया है कि संक्रमण के मामलों पर पूरी तरह से काबू पाने के लिए अब तीसरे और बूस्टर डोज की जरूरत होगी। आने वाले दिनों में 8 से 12 महीने के बाद यह बूस्टर डोज लोग ले सकेंगे। दूसरी डोज के बाद या अंतराल तकरीबन 1 साल का होगा।



 अल्बर्ट के मुताबिक हम एक ऐसे वर्जंन को लेकर काम कर रहे हैं जिसे फ्रिज में रखा जा सके। वैक्सीन को लेकर आगे आने वाले दिनों में और भी बड़े बदलाव दिख सकते हैं। भारत में कोरोना वैक्सीन कि फिलहाल दोनों ही डोज लग रही है लेकिन आने वाले दिनों में अगर दुनियां में यह रिसर्च सही साबित होती है तो भारत में भी लोगों को दूसरी डोज के एक साल बाद तीसरी और बूस्टर डोज लेनी होगी।