PATNA : बीते दो सालों में दुनिया भर के लोग कोरोना की महामारी से परेशान रहे हैं। कोरोना का नए वैरिएंट ओमिक्रोन एक बार फिर लोगों को परेशान कर रहा है लेकिन बिहार में कोरोना से ज्यादा खतरनाक संक्रमण पाया जा रहा है। यह संक्रमण ऐसा है जिससे बीमार व्यक्ति को केवल पैसे और ज्वेलरी ही दिखाई पड़ती है। बाकी उसे कुछ भी नजर नहीं आता।
इस बड़े संक्रमण से बीमार लोगों की पहचान लगातार उजागर हो रही है. दरअसल बिहार की जांच एजेंसियों ने लगातार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अभियान चला रखा है और इसमें लगभग हर दिन ऐसे बीमार भ्रष्टाचारियों के ऊपर नकेल कसी जा रही है जो धन संपत्ति अर्जित करने के मामले में बुरी तरह से संक्रमित पाए गए हैं। बिहार में सरकारी सेवकों के ऊपर विजिलेंस और उसकी विशेष इकाई की तरफ से जो कार्यवाही की जा रही है उसमें भ्रष्टाचार को लेकर बड़े खुलासे हो रहे हैं सरकारी सेवा में रहते हुए अकूत संपत्ति जमा करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के ऊपर जब एक्शन लिया जा रहा है। तो उनके पास से मिलने वाली धन दौलत को देखकर लोग दंग रह जा रहे हैं।
शनिवार को ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर अजय सिंह के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। इस छापेमारी में इंजीनियर के पास से 95 लाख रुपये कैश और 66 लाख रुपये की ज्वेलरी बरामद की गई इसके अलावा लगभग एक दर्जन से ज्यादा ऐसी प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी मिली जो इंजीनियर ने पटना में खरीद रखी है। पटना के इंद्रपुरी इलाके में इंजीनियर के फ्लैट पर जब छापेमारी शुरू हुई तो विजिलेंस ब्यूरो की टीम के हाथ पांव फूल गए। दरअसल कार्टून और ब्रीफकेस में बंद को देखकर अधिकारियों को यह लगने लगा कि गिन पाना मुमकिन नहीं लिहाजा नोट गिनने की मशीन तुरंत मंगानी पड़ी। इंजीनियर के अलग-अलग बैंकों में 20 खातों के बारे में भी जानकारी मिली है इतना ही नहीं इंजीनियर ने 81 लाख रुपए का निवेश पोस्ट ऑफिस और एनएससी में कर रखा था। 12 जमीन और फ्लैट के डीडी भी विजिलेंस की टीम को मिली है।
इंजीनियर के फ्लाइट से 1 किलो 295 ग्राम सोना और चांदी की 3 सीटें समेत 12 किलो चांदी के जेवर और बर्तन भी बरामद किए गए हैं। उसके पास एक स्कॉर्पियो गाड़ी एक टीयूवी 300 और एक सेंट्रो गाड़ी के अलावे 4 बाइक भी हैं। ग्रामीण कार्य विभाग में कार्यपालक अभियंता के पद पर तैनात अजय कुमार सिंह के ऊपर बीते 17 दिसंबर को ही आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था। बिहार में करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर नीतीश कुमार एक बार फिर एक्टिव होते नजर आए हैं। और शायद यही वजह है कि सूबे में अब भ्रष्ट अधिकारियों के ऊपर लगातार कार्रवाई हो रही है। लंबे अरसे से सुस्त पड़े विजिलेंस के अधिकारी एक बार फिर सक्रिय दिख रहे हैं और पिछले 2 महीने में आय से अधिक संपत्ति करने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ लगातार एक्शन जारी है।