SAMASTIPUR : कल यानि शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री कोरोना के संभावित तीसरी लहर पर पटना में हाईलेवल मीटिंग कर रहे थे. बैठक के बाद सरकारी प्रेस रिलीज जारी हुई-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि सूबे में हर रोज दो लाख कोविड यानि कोरोना के टेस्ट किये जायें. कोरोना जांच में कोई लापरवाही नहीं बरतें. लेकिन पटना में बैठक कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जमीनी हकीकत भी देख ली होती तो शायद ज्यादा समीक्षा बैठक करने की जरूरत नहीं होती. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना की जांच के लिए जिस RT-PCR लैब का एक महीने से भी ज्यादा समय पहले फीता काटा था, उसका मशीन अब तक डब्बे से बाहर नहीं निकला. जांच की बात भूल जाइये.
समस्तीपुर में सरकार के दावों की हकीकत जानिये
समस्तीपुर सदर अस्पताल कैंपस में एक भवन पर आपको RT-PCR जांच घर का बोर्ड लगा नजर आयेगा. ये वो जांच घर है जिसका उद्घाटन खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले नौ अगस्त को किया था. बिहार के स्वास्थ्य महकमे ने मुनादी कर दी थी कि समस्तीपुर में आरटी-पीसीआर जांच शुरू हो गयी. लेकिन हकीकत ये है कि सीएम के हाथों फीते काटे जाने के एक महीने से ज्याद बीत गये अब तक अब तक लैब चालू नहीं हुआ. समस्तीपुर में आज भी कोविड का कोई संदिग्ध मरीज मिलता है तो उसकी आरटी-पीसीआर जांच के लिए सैंपल लेकर पटना भेजा जा रहा है.
न इंफ्रास्ट्रक्चर न कर्मचारी फिर भी उद्घाटन
हम आपको बताते हैं कि मुख्यमंत्री के हाथों फीता काटे जाने को लेकर किस तरह का घालमेल किया जाता है. किसी जांच मशीन खास कर आरटी-पीसीआर मशीन को चलाने के लिए माइक्रो बायोलाजिस्ट की तैनाती जरूरी है. समस्तीपुर में जब माइक्रो बायोलाजिस्ट का दूर दूर तक कोई अता पता नहीं था तब मुख्यमंत्री ने सीधे कोविडे टेस्ट शुरू करने का ही उद्घाटन कर दिया.
बात सिर्फ इतनी ही नहीं है. समस्तीपुर में जिस लैब का उद्घाटन किया गया उसके लिए लैब बिल्डिंग में इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिये था. वैसा कोई संसाधन नहीं था लेकिन जांच का उद्घाटन जरूर हो गया. वैसे जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि हम जरूरी काम पूरा कराने में लगे हैं.
जांच मशीन अब तक डब्बे में ही पैक
समस्तीपुर में RT-PCR लैब के लिए बिहार मेडिकल कॉरपोरेशन ने आरटी-पीसीबार लैब की मशीन सहित अन्य उपकरण उपलब्ध कराया है. लेकिन सारे मशीन अब तक डब्बे में ही पैक हैं. किसी मशीन को अब तक इंस्टाल भी नहीं किया जा सका है. लेकिन उद्घाटन हुए एक महीने से ज्यादा समय बीत चुके हैं.
समस्तीपुर के सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता अब कह रहे हैं कि आरटी-पीसीआर लैब का सभी सामान मिल गया है. अब मशीन को इंस्टाल करने को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गयी है. लैब को चलाने के लिए माइक्रो बॉयोलाजिस्ट का भी चयन कर लिया गया है. जल्द ही सारा काम पूरा हो जायेगा. लेकिन सिविल सर्जन के पास इसका जवाब नहीं था कि जब अब तक सारी मशीन डब्बे में ही पैक है तो मुख्यमंत्री ने एक महीने से भी ज्यादा समय पहले इसका उद्घाटन कैसे कर दिया था.