PATNA: कोरोना के नये खतरनाक वैरिएंट का खतरा बिहार पर मंडराने लगा है। केंद्र सरकार ने बिहार को जो जानकारी भेजी है उसके मुताबिक बिहार के 108 लोग उन देशों की यात्रा कर लौटे हैं जहां ये बेहद खतरनाक वैरिएंट पाया जा चुका है. सबसे गंभीर बात ये है कि केंद्र ने जिन 108 लोगों की सूची बिहार सरकार को साझा की है उसमें सूबे के स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी अधिकारी का भी नाम है लेकिन महिला अधिकारी ने अपनी जांच कराने से ही साफ इनकार कर दिया है।
स्वास्थ्य महकमे की अधिकारी का ड्रामा
दरअसल केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को 108 लोगों की सूची भेजी है, जिनसे कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा हो सकता है. ये वो लोग हैं जो हाल फिलहाल में ऐसे देशों की यात्रा से लौटे हैं, जहां कोरोना का नया वैरिएंट पाया जा चुका है. केंद्र सरकार ने ऐसे सभी लोगों की तलाश कर उनकी जांच कराने को कहा है. इसके लिए मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी तक को सतर्क किया गया है।
लेकिन बिहार के स्वास्थ्य विभाग की एक महिला अधिकारी को लेकर अलग ही ड्रामा हो रहा है. केंद्र सरकार ने विदेश यात्रा कर लौटे जिन 108 लोगों की लिस्ट भेजी है उसमें बिहार के स्वास्थ्य विभाग की क्षेत्रीय उप निदेशक डॉ. निहारिका शरण का नाम भी शामिल हैं. डॉ निहारिका फिलहाल के मलेरिया कार्यालय में क्षेत्रीय अपर निदेशक के पद पर तैनात हैं. केंद्र सरकार ने अपनी सूची में बताया है कि डॉ निहारिका शरण का पासपोर्ट नंबर 59562425 है औऱ वे विदेश की यात्रा कर वापस लौटी हैं।
केंद्र सरकार से खबर मिलने के बाद बिहार के स्वास्थ्य विभाग की टीम अपने क्षेत्रीय उप निदेशक के पास पहुंची लेकिन डॉ निहारिका शरण ने जांच कराने से ही इंकार कर दिया. डॉ शरण का कहना है कि वे विदेश गयी ही नहीं है. इसलिए वे क्यों जांच करायेंगी. इस बाबत डॉ निहारिका शरण का पक्ष जानने के लिए मीडिया ने जब उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो उनके पति डॉ संजय शरण ने कॉल रिसीव किया. डॉ संजय शरण ने कहा कि उनकी पत्नी डॉ. निहारिका विदेश गयी ही नहीं हैं. जब विदेश ही नहीं ही गयी तो जांच क्यों करायेंगी।
स्वास्थ्य अधिकारी का रवैया संदेहास्पद
केंद्र सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर दर्ज पासपोर्ट नंबर के आधार पर बिहार सरकार को ये जानकारी दी है कि डॉ निहारिका शरण विदेश से लौटी हैं. उनका पासपोर्ट नंबर भी सही बताया गया है. फिर डॉ निहारिका शरण कैसे कह रही हैं कि वे विदेश गयी ही नहीं. इलेक्ट्रॉनिक जांच पड़ताल के इस दौर में फर्जी पासपोर्ट औऱ वीजा के सहारे किसी दूसरे व्यक्ति के यात्रा करने की बात भी संभव नहीं है. केंद्र सरकार ने जो सूची भेजी है उसके मुताबिक निहारिका शरण अमेरिका की यात्रा पर गयी थीं.
क्या जानबूझ कर छिपाया जा रहा है मामला
दरअसल बिहार सरकार के किसी अधिकारी या कर्मचारी को विदेश यात्रा से पहले सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है. चाहे वह निजी यात्रा ही क्यों न हो. स्वास्थ्य विभाग में ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि डॉ निहारिका शरण विदेश गयी थीं. चर्चा ये हो रही है कि सरकार की अनुमति के बगैर विदेश जाने के मामले में डॉ निहारिका शरण फंस सकती हैं लिहाजा वे विदेश यात्रा की बात को ही खारिज कर रही हैं।
उधर उनके पति दूसरी सफाई दे रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग को ये जानकारी है कि डॉ. निहारिका शऱण कई दिनों तक छुट्टी पर थीं. अब उनके पति संजय शरण कह रहे हैं कि बेटी की तबीयत खराब थी, इसलिए निहारिका शरण दिल्ली गयी थीं. केंद्र सरकार ने गलती से उनका नाम और पासपोर्ट नंबर भेज दिया है. हालांकि मामला जांच का विषय बन गया है और इसमें कई खुलासे हो सकते हैं।
इन जिलो में कोरोना के नये वैरिएंट का खतरा
केंद्र सरकार ने जिन 108 लोगों की सूची बिहार सरकार को भेजी है उसमें सबसे ज्यादा पटना के 32 लोग विदेश से आये हैं. इसके अलावा गोपालगंज के 16, सीवान के 17, मधुबनी-सारण के 7-7, पूर्वी चंपारण में 5, , दरभंगा में 4 ,बेगूसराय के 4, भोजपुर के 3, रोहतास के 3, भागलपुर के 2, पूर्णिया के एक, अररिया के 1 और बक्सर में एक व्यक्ति विदेश यात्रा कर लौटे हैं. राज्य सरकार ने ऐसे सारे लोगों की पहचान कर RTPCR जांच कराने का निर्देश दिया है. लेकिन विदेश यात्रा से वापस आए लोग जांच कराने से मना कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पहुंच रही है लेकिन संदिग्ध लोग जांच कराने को राजी नहीं हो रहे हैं. ऐसे में बिहार में कोरोना के नये वैरिएंट का खतरा बढ़ गया है.